दिल्ली. एलआईसी का आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार के है. इसका बड़ा कारण एलआईसी पर करीब 75 हजार करोड़ का टैक्स बकाया है. केंद्र ने शेयर मार्केट में मार्च के अंत तक एलआईसी का आईपीओ लाने की योजना बनाई है. लेकिन अगर टैक्स बकाया का निपटान नही हुआ तो बाजार के जानकारों का कहना है कि आईपीओ का मामला लटक सकता है.
निवेशक भी काफी ब्रेसबी से इसका इंतजार कर रहे हैं. लेकिन आईपीओ से पहले ही इस बार संकट के बादल छाए नजर आ रहे हैं. दरअसल एलआईसी एलआईसी से बड़े टैक्स की वसूली पर तकरार जारी है. मालूम हो कि LIC ने आईपीओ के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा किया था. जिससे पता चला कि कंपनी पर करीब 75 हजार करोड़ की टैक्स देनदारी है. यह देश की किसी भी एक कंपनी पर सबसे ज्यादा बकाया टैक्स है.
ड्राफ्ट पेपर के अनुसार, LIC ने कहा है कि वह टैक्स की देनदारियां चुकाने के लिए अपने फंड का इस्तेमाल नहीं करेगी. कंपनी ने यह भी कहना है कि कई मामलों में कोर्ट की ओर से आये निर्णय सही नहीं हैं. कंपनी इन सभी मामलों के खिलाफ आगे अपील करेगी. इन मामलों में भी 24,728.03 करोड़ शामिल हैं.
टैक्स बकाया मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि कंपनी ने अपनी टोटल इनकम छिपाई है. कई मामलों तो बहुत पुराने है. कंपनी ने 2005 के बाद अपनी इनकम का सही खुलासा नहीं किया. जिसकी वजह से विवाद पैदा हुए. इतना ही नहीं LIC पर डाइरेक्ट और इनडाइरेक्ट टैक्स के 63 बड़े मामले चल रहे हैं. इसमें डाइरेक्ट टैक्स के 37 मामले हैं. जिनसे 72,762.3 करोड़ की वसूली होनी है. दूसरी तरफ इनडाइरेक्ट टैक्स के 26 मामले चल रहे हैं. जिसमें 2,132.3 करोड़ वसूले जाने हैं. इस तरह कंपनी पर कुल 74,894.5 करोड़ का टैक्स बकाया है.