PATNA: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग से अपने आप को अलग कर लिया है। यूं कहें कि थक-हारकर पुरानी मांग को छोड़ने का निर्णय ले लिया। जेडीयू ने बजाप्ता इसकी घोषणा भी कर दी। जेडीयू की तरफ से कहा गया कि मांग करते-करते थक गये। जब केंद्र सरकार किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने का निर्णय लिया है तो इस मांग का कोई मतलब नहीं। अब विशेष सहायता की मांग होगी। कभी हार नहीं मानने वाले सीएम नीतीश ने जब इस मुद्दे पर अपनी हार स्वीकार ली तो 4 विधायकों वाली जीतनराम मांझी की पार्टी इस इश्यू पर लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया है।
4 विधायकों के बूते पूर्व सीएम करेंगे संघर्ष
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपनी मांग को छोड़ने की घोषणा पर एनडीए में सबसे बड़ा दल भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है . लेकिन चार विधायकों वाली पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को यह बात बर्दाश्त नहीं हो रहा। पूर्व सीएम व हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्णय पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेगी। मांझी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर बात करने की सलाह दी है।
सीएम नीतीश के निर्णय पर जताया एतराज
2020 विस चुनाव से पहले बीजेपी के बड़े भाई के रूप में रहा जेडीयू ने स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया। तर्क दिया गया कि डिमांड करते-करते थक गये। केंद्र ने पहले वाला फार्मूला बदल दिया है। लिहाजा विशेष सहायता की मांग करते रहेंगे। लेकिन बिहार में छोटे दल में शुमार व नीतीश कुमार के रहमो-करम पर 4 विधायक जीताने वाले जीतन राम मांझी अब इस मुद्दे पर लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं वे सीएम नीतीश के निर्णय पर विरोध भी जताया है।
जीतनराम मांझी ने कहा है कि जेडीयू भले हीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग छोड़ रही है, लेकिन वे इसके लिए संघर्ष करते रहेंगे। पार्टी के प्रवक्ता डा. दानिश रिजवान के हवाले से उन्होंने कहा है कि विशेष राज्य की मांग से जिसे पीछे हटना है हटे, उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा है कि विशेष राज्य की मांग सदन से पारित मुद्दा है, जिससे वे पीछे नहीं हट सकते।