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बिहार में शराबबंदी फेल ! परेशान CM नीतीश ने बुलाई बैठक, मुख्य सचिव ने मीटिंग में लिए गए निर्णय की दी जानकारी

बिहार में शराबबंदी फेल ! परेशान CM नीतीश ने बुलाई बैठक, मुख्य सचिव ने मीटिंग में लिए गए निर्णय की दी जानकारी

PATNA: बिहार में शराबबंदी कानून 2016 से लागू है। सरकार के तमाम प्रयास के बाद भी शराब की सप्लाई जारी है। दूसरे राज्य ने बैठे बड़े शराब माफिया बिहार में शराब की सप्लाई कर रहे. राज्य में बड़ी संख्या में शराब माफिया सक्रिय हैं जो दूसेर राज्यों से शराब मंगा रहे और घऱ-घर सप्लाई कर रहे. शराब माफिया अब इतने ताकतवर हो गये हैं कि पुलिस को खुली चुनौती दे रहे. राज्य की हालात ऐसी हो गई है कि शराब माफियाओं की समानांतर सत्ता स्थापित हो रही. पुलिस पर हमले किये जा रहे हैं. परेशान होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मद्ध निषेध को लेकर हाईलेवल मीटिंग की और कई निर्णय लिए. बैठक में CM ने बड़े शराब माफियाओं को पकड़ने और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलाने का निर्देश दिया है।

शराबबंदी को सफळ बनाने के लिए मुख्यमंत्री की बुलाई गई मीटिंग में आलाधिकारी शामिल हुए। मीटिंग में सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं. मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सरकार द्वारा लिए गये निर्णय की जानकारी दी है। बैठक में अवैध शराब की बिक्री पर और सख्ती बरतने का निर्णय लिया गया है. आपूर्ति पर भी सख्ती बरतने का निर्णय लिया गया है. बड़े धंधेबाजों के ऊपर सख्ती बरतने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है. मुख्य सचिव ने बताया कि अक्टूबर महीने में 20000 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. बिहार के बाहर के 90 शराब माफिया गिरफ्तार किए गए हैं.

मुख्य सचिव ने बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अब शराब पीने वाले को पकड़ने की बजाए शराब माफियाओं पर शिकंजा कसेगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि शराब सेवन करने वालों के बजाए बडे सप्लायर को पकड़ा जाये। पीने वाले से ज्यादा सप्लाई करने वालों को फोकस करें. साथ ही सजा भी दिलाई जाए। राज्य के बाहर के माफिया जो बिहार में शराब की सप्लाई कर रहे हैं उन्हें गिरफ्तार किया जायए और उन्हें स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलाई जाए.

 





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