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'नीतीश मिश्रा' के पूरक सवाल पर घिरे 'मंत्री' तो मैदान में उतरे CM नीतीश, सदन में कहा- आपके सवाल पर 'तत्काल' गौर करेंगे

'नीतीश मिश्रा' के पूरक सवाल पर घिरे 'मंत्री' तो मैदान में उतरे CM नीतीश, सदन में कहा- आपके सवाल पर 'तत्काल' गौर करेंगे

PATNA:  बिहार विधानसभा में आज बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा के सवालों पर प्रभारी मंत्री विजेन्द्र यादव घिर गए. भाजपा विधायक पूरक प्रश्न पूछ रहे थे तो मंत्री वही रटा-रटाया जवाब देते रहे. पूरक सवाल से मंत्री विजेन्द्र यादव झुंझला गए। अंत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मोर्चा संभालना पड़ा. सीएम नीतीश ने सदन में खड़े होकर कहा कि आपलोग साथ रहे हैं. हम आपकी बात पर गौर करेंगे. हालांकि बीजेपी विधायक के पूरक सवाल का क्लीयर जवाब न तो मंत्री दे सके और न ही मुख्यमंत्री. हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री बोलने में भी भटक भी गए। वे केंद्र में खुद के रेल मंत्री की जगह गृह मंत्री बोल गए। 

नीतीश कुमार ने दिया जवाब

दरअसल, बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा का उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सरकारी नौकरी में नियुक्ति से संबंधित था. इस मसले पर नीतीश मिश्रा ने लगातार दो पूरक सवाल दाग दिये. भाजपा विधायक के पूरक सवाल पर मंत्री विजेन्द्र यादव बार-बार वही जवाब दुहराते रहे. भाजपा विधायक के पूरक सवाल पर मंत्री घिरने लगे. इस दौरान सीएम नीतीश सदन में मौजूद थे. इसके बाद वे खुद खड़े हो गए। नीतीश कुमार ने कहा कि हमने ही उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया था. केंद्र में रेल मंत्री रहने के दौरान हमने शुरू कराया था. बिहार में भी उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाती है. भाजपा के वरिष्ठ विधायकों की तरफ इशारा करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि ये लोग सब जान रहे हैं. आपका जो पूरक सवाल है उस पर हम गौर करेंगे.  


भाजपा विधायक के पूरक सवाल का जवाब देने उतरे सीएम नीतीश 

भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा का पूरक सवाल था कि पिछले सात सालों से खिलाड़ियों कौ नौकरी नहीं दी गई। मामला हाईकोर्ट में था इसलिए लंबित था. लेकिन जुलाई 2022 में कोर्ट ने अपना निर्णय दे दिया. कोर्ट से सिगन्ल मिलने के बाद भी लगभग 10 महीने होने को हैं,जिनको नौकरी मिलनी थी उन्हें अब तक कितने को नौकरी मिली नहीं तो क्यों....? इसका जवाब न तो मंत्री दे सके और नही मुख्यमंत्री. यानि नीतीश मिश्रा के पूरक का जवाब देने में नीतीश सरकार फेल कर गई।  

नीतीश मिश्रा के इसी सवाल पर घिरी नीतीश सरकार 

दरअसल नीतीश मिश्रा का मूल सवाल यह था कि क्या राज्य सरकार ने खेल कोटे से होने वाली नियुक्ति के लिए सभी जिला पदाधिकारियों से रिक्ति की मांग की  है? क्या 7 सालों से खेल कोटे से नियुक्ति नहीं हुई है?  दूसरा सवाल था कि क्या यह बात सही है कि जिलों में रिक्ति की संख्या के अभाव में निम्न वर्गीय लिपिक एवं परिचारी पद रिक्त रह जाते हैं?  तीसरा यदि उत्तर स्वीकारात्मक है तो सरकार खेल कोटे से होने वाली नियुक्ति कब तक कराने पर विचार रखती हैं... इस पर सरकार की तरफ से विस्तृत जवाब दिया गया. तीसरे सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि 2015 में उत्कृष्ट खिलाड़ियों की नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. जिस आलोक में 78 खिलाड़ियों की नियुक्ति की अनुशंसा की गई तथा कोर्ट के आदेश के आलोक में बॉक्सिंग खेल विधा के 5 खिलाड़ियों की औपबंधिक मेधा सूची प्रकाशित कर दावा आपत्ति 10 मार्च 2023 तक आमंत्रित की गई है.

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