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इंडिया की बीच मीटिंग में सीएम नीतीश की हुई भारी फजीहत ! हिंदी में भाषण को लेकर टोका तो पांच बड़े नेताओं ने पानी उतारकर रख दिया, पढिये इनसाइड स्टोरी

इंडिया की बीच मीटिंग में सीएम नीतीश की हुई भारी फजीहत ! हिंदी में भाषण को लेकर टोका तो पांच बड़े नेताओं ने पानी उतारकर रख दिया, पढिये इनसाइड स्टोरी

पटना/दिल्ली. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान भाषा विवाद को लेकर अपना आपा खो दिया. मंगलवार को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई थी. इस बैठक में नीतीश कुमार और तमिलनाडु से आने वाले डीएमके नेता टीआर बालू के साथ तीखी बहस हो गई. रिपोर्टों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा चर्चा शुरू करने के बाद, द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पहले वक्ता थे, उन्होंने अंग्रेजी में बोला. उसके बाद नीतीश कुमार बोले. सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी बातें हिंदी में रखीं. नीतीश जैसे ही अपनी बात खत्म किए डीएमके नेता टीआर बालू ने उसे अंग्रेजी में अनुवाद करने की मांग की. 

बैठक में मौजूद राजद सांसद मनोज झा तुरंत नीतीश की बातों का अनुवाद करने लगे. ऐसा होते ही नीतीश कुमार भड़क गए. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता टीआर बालू के साथ तीखी बहस हो गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदी राष्ट्रभाषा है और हर किसी को इसे समझने में सक्षम होना चाहिए. नीतीश कुमार का गुस्सा कुछ और मिनटों तक जारी रहा, जिसमें उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और अंग्रेजी लागू करने का विवरण दिया. 

गरमागरमी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कई नेताओं ने हस्तक्षेप किया और नाराज नीतीश कुमार को शांत होने को कहा. माहौल को शांत करने के लिए जेडीयू प्रमुख लालू प्रसाद यादव के भाषण का अनुवाद भी नहीं किया गया. हालांकि दोनों पक्षों (नीतीश और डीएमके) के अनावश्यक गुस्से की भरपाई के लिए बाद में जो वक्ता आमतौर पर हिंदी में बात करते थे, वे अंग्रेजी में बोलने लगे, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे. 

रिपोर्टों से पता चलता है कि पिछली तीन बैठकों में, राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज के झा ने अनुवादक के रूप में काम किया, और नीतीश कुमार और उनकी अपनी पार्टी के नेता लालू यादव दोनों के लिए अंग्रेजी में भाषण दिए। मंगलवार की बैठक में, कुमार का भाषण समाप्त होने के बाद, बालू ने झा से नीतीश के भाषण का अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए कहा, जिससे कुमार भड़क गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, झा के शुरू होने से पहले निराश कुमार ने दावा किया कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा है और हर किसी को इसे समझने में सक्षम होना चाहिए।  रिपोर्ट के अनुसार नीतीश कुमार ने भले ही हिंदी को लेकर हिमायती दिखाई लेकिन सोनिया गांधी, एमके स्टालिन, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल जैसे कई नेताओं ने अपनी बातों को अंग्रेजी में दमदार तरीके से रखा. 

पहले भी अंग्रेजी पर जता चुके हैं नाराजगी : सीएम नीतीश पहले भी कई मौकों पर अंग्रेजी को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. बिहार में किसानों के सम्मेलन में एक युवा किसान द्वारा अंग्रेजी के शब्दों का उपयोग करने पर नीतीश ने उन्हें वहीं फटकार लगाई थी. इसके अलावा कई अन्य मौकों पर भी नीतीश ने अंग्रेजी को लेकर अपनी नाराजगी जताई है. 

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