PATNA : एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा की राज्य में लूट, अपहरण, बलात्कार, हत्या और अपराध की सुनामी आयी हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश जी अब थक चुके हैं, शिथिल पड़ चुके हैं. कार्यक्षमता, इच्छाशक्ति ही नहीं संवेदनशीलता भी खत्म हो चुकी है. कुछ खत्म नहीं हुई है तो वह है बस उनकी - कुर्सी से चिपके रहने की लालसा! यह जीवनपर्यंत उनके साथ रहेगा. चाहे पूरा सूबा ही उनकी सत्तालोलुपता की भेंट क्यों ना चढ़ जाए.
उन्होंने कहा की जब तक राज्य में सैंकड़ों हत्या, सामुहिक बलात्कार, अपहरण, फिरौती, बेरोजगारों और नौजवानों पर लाठीचार्ज की वारदातें नहीं हो जाती हैं, तब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके दो-दो उपमुख्यमंत्रियों और भाजपा की इस निर्लज्ज डबल इंजन की सरकार को चैन की नींद नहीं आती है. तेजस्वी यादव में कहा की नीतीश जी दिखावे के लिए कहते हैं कि उन्हें बिना इच्छा, ज़बरदस्ती मुख्यमंत्री बनाया गया. जब सरकार संभल नहीं रही तो क्यों ज़बरदस्ती मुख्यमंत्री पद से चिपके हुए हैं? नीतीश कुमार जी जनता के नहीं, जनता का दमन करने वाली अहंकारी भाजपा के Selected, Nominated और अनुकम्पाई मुख्यमंत्री हैं. जनता द्वारा नकार दिए जाने के बावजूद भी भाजपा ने तीसरे पायदान पर फेंकी जा चुकी C ग्रेड की उगाहीबाज़ पार्टी के मजबूर नेता को मुख्यमंत्री इसीलिए बनाया ताकि अपराधियों का तांडव नाच जारी रहे और ये अपमान और हार के बावजूद इसलिए सीएम बने. ताकि उगाही और RCP टैक्स की वसूली का धंधा मन्दा ना होने पाए.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा की कितना हास्यास्पद है कि भाजपा जो खुद सरकार में है वह भी सरकार की आलोचना करती रहती है. दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाकर सत्ता की मलाई चाट रहे हैं पर वो भी बिना जिम्मेदारी के सरकार को ही कोसते रहते है. मुख्यमंत्री अपराध पर 'समीक्षा बैठक' नहीं, अधिकारियों संग 'भिक्षा बैठक' करते है. इन बैठकों में RCP टैक्स की वसूली और जमा में आ रही कमी और देरी पर अधिकारियों से सवाल दागे जाते है. बिहार चुनाव में स्वघोषित दिल्ली वाला बेटा कहाँ गया? अब रूपेश सिंह और अपहृत गुप्ता परिवार को आकर जवाब दे कि उनकी डबल इंजन सरकार के दानवराज की भेंट और कितने बेटे, भाई, पिता और पति चढ़ेंगे? मधुबनी और मुजफ्फरपुर की बेटियों का सामूहिक बलात्कार कर जला दिया गया. क्या दिल्ली वाले भाषणकर्ता बेटे उन्हें जिंदा करेंगे? मधुबनी की बेटी की बलात्कार बाद आँखे फोड़ दी गई. क्या बिहार के चुनावी स्वघोषित बेटे उस बच्ची की आँखों की रोशनी बनेंगे?
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट