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सीएम नीतीश की भविष्यवाणी, "हम तो 73 साल के हैं, अब जाने वाले हैं आप लोग देखिए अपना..." 100 साल में जब धरती खत्म होगा तब आप लोग समझिए.. म्यूजियम के स्थापना दिवस पर खूब बोले CM

सीएम नीतीश की भविष्यवाणी, "हम तो 73 साल के हैं, अब जाने वाले हैं आप लोग देखिए अपना..." 100 साल में जब धरती खत्म होगा तब आप लोग समझिए.. म्यूजियम के स्थापना दिवस पर खूब बोले CM

PATNA:  अरे हमको क्या है, हम काहे ला कुछ बोलेंगे। हम तो 73 साल के हैं। अब जाने वाले है। आप लोग देखिए अपना।.. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार म्यूजियम के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं। इस मौके पर उन्होंने बिहार म्यूजियम में मौजूद सभी चीजों का निरीक्षण किया। साथ ही कहा की हम बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम दोनों में सुविधाओं को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इन लोगों से कह दिए है कि सब काम करिए। पैसा मत देखिए, हम तो इनका हाथ जोड़े रहते हैं। ताकि जल्दी बना दें। अब इ लोग बनाए तब ना, इ सब बन जाएगा। तबे ना लोग देखने आएगा। दुनिया त 100 साल में खत्म हो जाएगा। बन जाएगा त का पता 1,2 साल और आगे बढ़ जाए। हम त मेंटेनेंस का भी ध्यान रखने को बोलते हैं। नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्य सचिव और बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह को बोल रहे थे। 

सीएम नीतीश की इच्छा- म्यूजियम में हर चीज रखवा दीजिए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की म्यूजियम में हर चीज रखवा दीजिए। हर चीज देखेंगे तबे न जानेंगे। बिहार संग्रहालय आज से शुरू किया गया था। आपको मालूम है। सब बातें आपको बताते नहीं है। बेचारे अगर यह बता देते तो हम को बोलने की जरूरत नहीं होती। लेकिन इ बताए ही नहीं कि आखिरकार यह बना कैसे? उन्होंने कहा की 2 अक्टूबर को हर साल सब लोगों को यहां मुक्त में आने का व्यवस्था करें। सिर्फ आने का मुफ्त में नहीं। सबको पानी पिलाये। कुछ ना कुछ इंतजाम करिए कि जो भी आएगा यहां का इंतजाम देखेगा। 

नीतीश कुमार ने म्यूजियम के महानिदेशक को कहा कि हम आपको हर बार कह देते हैं इनको थोड़ा बता दीजिएगा। लेकिन हर साल करते रहते हैं। हम जब छात्र थे। तब आए थे यहां। तब भी हम  पटना म्यूजियम देखे थे। बचपन में देखे थे। बाद में जब हमलोग सरकार में आये तो देखे की देखने का सब तरह से इंतजाम नहीं है। इसलिए इसका विस्तार होना चाहिए। लेकिन वहीं पर छोटा सा विस्तार करने लगे। हमने कहा मत करिए और जितना सब कुछ है। इसको लेकर के हम लोग एक अलग बनाएंगे और नाम उसका अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम रखेंगे। इस तरह का हम लोग म्यूजियम बनाएंगे। इतना एक चीज है। हमने कहा। इसको करिए। फिर हम लोग के खिलाफ कुछ लोग बोले कि म्यूजियम बनवा रहा है। 

पूरनका और नयका टेक्नॉलॉजी पर भी खूब बोले

उन्होंने कहा की जब हम इसका नामकरण बिहार म्यूजियम किया। जब एक एक चीज बन गया तो इसके खिलाफ एक भी शब्द कोई नहीं। लेकिन आजकल तो पुरनका चीजों को देखता कौन है। आप लोग तो नयका टेक्नॉलॉजी में हैं। पुरानका चीज को थोड़ा ही कोई देख रहा है। सब के सब खाली टेक्नॉलॉजी के पीछे हैं। पुराना चीज दिखा सब खराब है क्या? हमको तो डाउट है कि जो नई टेक्नोलॉजी आ गई है तो आप समझ लीजिए कि सब लोग उसी पर डिपेंड हो गए हैं। उसके बाद आप समझ लीजिए हम जो भी कर रहे हैं। इसका कोई मतलब नहीं है। सीधे जो भी होता है उसी पर देख लेता है। हर तरह का चीज नहीं पर है। बाद में होगा क्या जब सब डिपेंडेंट रहेंगे ना कुछ लिखेंगे ना कुछ करके जाएंगे। बराबर कहते हैं लिखिए कागज रखिए जरूर रखिए। सुरक्षित रहेगा। नहीं तो 100 साल भी नहीं लगेगा सब खत्म हो जाएगा। क्योंकि उस समय तो सब एक ही बार खत्म होगा। तो आप लोग को याद नहीं है जब जब धरती खत्म हो अब आप समझ लीजिए। जब जब एक बार धरती खत्म होता है।

हम 73 साल के होने वाले हैं, हमारा जाने का समय आ गया

नीतीश कुमार ने कहा कि जब धरती खत्म हो जाएगा तो सब खत्म हो जाएगा। कुछ बचेगा ही नहीं कुछ याद ही नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि सब नई टेक्नोलॉजी में लगे रहेंगे। सब लोग उसी को देखने लगता है और धीरे-धीरे होगा क्या। 100 साल से अधिक नहीं रहेगा सब और जब खत्म हो जाएगा तो किसी को कुछ याद नहीं रहेगा और धीरे-धीरे सब खत्म हो जाएंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि, खैर अब जो है हम काहे के लिए कुछ कहे। हम 73 साल के होने वाले हैं। हमको क्या हमारा तो जाने का समय आ गया है। हम क्या करेंगे। बाकी आने वाले पीढ़ी के लिए सुरक्षित होना चाहिए। उस समय जब नया बनाया जाता था तो एक ही चीज के बारे में बताया जाता था। 

अंग्रेजी में लिखा देख फिर भड़के नीतीश

नीतीश कुमार ने अंग्रेजी का विरोध करते हुए कहा कि, अब सब अंग्रेजी में ही लिखता है। हम इनको कहते हैं कि, हर चीज को यहां सजा कर रखिए, कब आया कहां से आया। इसको हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखिए। ताकि बाहर का लोग जब आए तो वह भी देखे। लेकिन इन लोग त खाली अंग्रेजी में लिख रहे। सब बिजनेस वाले भी खाली अंग्रेजी में लिख रहे हैं। काहे भाई आप लोग विदेश के हैं क्या। बिहार दुनिया का पहला जगह है जहां अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम बना है। यहां हिंदी में भी चीजों को लिखिए। हिंदी को खत्म मत करिए। एक-एक चीज चुपचाप करके देखिएगा तो पता चलेगा कि क्या बनाया गया। क्या लिखा गया। त जितनी चीजों की जानकारी होगी। हर चीज के बारे में लिखवा रहे हैं। इनको कहे है इ कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि सभी राज्यों के लोगों का वेलकम करते हैं। सब चीजों को देखा सबका स्वागत करते हैं। लेकिन यह जो चीज है अब समझ लीजिए।

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