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पटना HC के कार्यक्रम में बोले CM नीतीश, स्पीडी ट्रायल से अपराध पर होगा नियंत्रण, कानून का राज स्थापित करने में कोर्ट की भूमिका अहम

पटना HC के कार्यक्रम में बोले CM नीतीश, स्पीडी ट्रायल से अपराध पर होगा नियंत्रण, कानून का राज स्थापित करने में कोर्ट की भूमिका अहम

PATNA: पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन का उद्घाटन किया गया। सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने नये शताब्दी भवन का शुभारंभ किया। इस मौके पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार,विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत कई मंत्री मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से जो भी प्रस्ताव आयेगा हम तुरंत उसे स्वीकार करेंगे। हम वचन देते हैं कि जब तक हम पद पर हैं कोई कमी नहीं होने देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शताब्दी भवन का शुभारंभ हुआ है।नये भवन का उद्घाटन तो पिछले साल ही हो जाता लेकिन कोरोना की वजह से नहीं हो सका।इस भवन के शिलान्यास के समय ही यह बात हुई थी कि एडवोकेड एसोशिएसन के बैठने के लिए भी जगह मिले तो तुरंत वो भी मिल गई है और काम शुरू हो गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय काफी महत्वपूर्ण है. डॉ राजेन्द्र प्रसाद,सच्चिदानंद सिन्हा का भी इस कोर्ट से रिश्ता रहा है। पहले तो इस कोर्ट में सिर्फ 7 जज थे. 


 स्पीडी ट्रायल बहुत जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में हमें बिहार में काम करने का मौका मिला। 2006 से हमने स्पीडी ट्रायल को लेकर पहल की। इस काम में हाईकोर्ट ने काफी पहल किया। जिसका नतीजा हुआ कि स्पीडी ट्रायल में काफी बढ़ोतरी हुई और बड़ी संख्या में अपराधियों को सजा दिलाई गई। इसका फायदा यह हुआ कि अपराध पर नियंत्रण किया जा सका. मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का राज स्थापित करना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं बल्कि न्यायालय का भी दायित्व है। कोर्ट ने सजा देना शुरू किया इससे क्राइम में कमी आई।उन्होंने कहा कि कोर्ट से चाहे कितनी भी सजा हो जाये लेकिन समाज में कुछ लोग होते हैं जो गड़बड़ करते ही हैं। कानून भले हो लेकिन कुछ न कुछ अपराध होता है।

ट्रायल तेजी से चले तो अपराध पर होगा नियंत्रण

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि स्पीडी ट्रायल का काम तेजी से चलता रहेगा तो अपराध पर नियंत्रण होगा। कानून का राज स्थापित करना है  तो सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं,इसके लिए न्यायपालिका को भी सजग रहना है और सजा देना है। मुख्यमंत्रई ने कहा कि न्यायपालिका से जो भी प्रस्ताव आयेगा उसकी मंजूरी देंगे। जो भी जरूरत है उन जरूरतों को पूरा करेंगे। कोर्ट में रिक्ति का मामला हो या भवन की जरूरत हो वो करेंगे।सशक्त न्यायपालिका काफी जरूरी है। कोर्ट के हाथ में अधिकार है वो ऐसा ही चलते रहे ताकी बेगुनाह लोग बचें और अपराधियों को सजा मिले। 

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