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सीएम उद्धव ठाकरे ने खाली किया सरकारी बंगला, बोले - वह इस्तीफा देने को तैयार, लेकिन उससे पहले...

सीएम उद्धव ठाकरे ने खाली किया सरकारी बंगला, बोले - वह इस्तीफा देने को तैयार, लेकिन उससे पहले...

DESK : महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच बीती रात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है। सरकारी बंगला खाली करने के बाद वह ठाकरे निवास 'मातोश्री' में शिफ्ट हो गए हैं। हालांकि उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है और प्रदेश में अब भी वह मुख्यमंत्री के पद पर बने हुए हैं। बंगला खाली करने से पहले वह फेसबुक पर लाइव आए और पार्टी के विधायकों और लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें पद का कोई मोह नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर बागी विधायक उनके सामने आ जाएं और आमने-सामने बैठकर बात करें, तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे।

कोरोना से जूझ रहे उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह करने वाले बागी विधायकों को सुलह का प्रस्ताव किया. राज्य के राजनीतिक संकट को नया मोड़ देते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई शिवसैनिक उनकी जगह लेता है तो उन्हें खुशी होगी। उन्होंने कहा कि अगर बागी विधायक यह घोषणा करते हैं कि वह उन्हें (ठाकरे) मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं

18 मिनट लंबे वेबकास्ट में विद्रोही नेताओं व आम शिवसैनिकों से भावुक अपील की। खुद को अनुभवहीन होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि पिछले साल के अंत में रीढ़ की सर्जरी के कारण वह लोगों से ज्यादा नहीं मिल सके। इस दौरान उन्होंने कहा कि सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? सीधे आकर बात कर सकते हैं।

हिंदुत्व को कभी नहीं छोड़ा

ठाकरे ने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भागते और उन्होंने हिंदुत्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा, 'मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो सौंपा गया कोई भी कार्य पूरे दृढ़ संकल्प के साथ करता है। इन दिनों चर्चा हो रही है कि शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की पार्टी नहीं रही और हिंदुत्व छोड़ रही है।' उन्होंने कहा कि विद्रोही हिंदुत्व के मुद्दे को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं और विचारधारा के प्रति शिवसेना की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व शिवसेना की सांस है।

सत्ता से नहीं चिपके रहना चाहता

ठाकरे ने नवंबर 2019 की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के सुझाव पर अपनी अनुभवहीनता के बावजूद मुख्यमंत्री का पद संभाला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के कई दशकों तक शिवसेना के राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद महा गठबंधन अस्तित्व में आया। उन्होंने कहा, 'अगर मेरे अपने लोग मुझे नहीं चाहते, तो मैं सत्ता से चिपके रहना नहीं चाहता।


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