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बिहार में अपराध करो- जेल जाओ फिर बाहर आकर राजनीति करो, आनंद मोहन की रिहाई में गुस्से में जी. कृष्णैया का परिवार, जाएगा सुप्रीम कोर्ट

बिहार में अपराध करो- जेल जाओ फिर बाहर आकर राजनीति करो, आनंद मोहन की रिहाई में गुस्से में जी. कृष्णैया का परिवार, जाएगा सुप्रीम कोर्ट

पटना. पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई गुरुवार को हो गई. लेकिन, गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया अपने पति के हत्यारे की रिहाई से निराश हैं. उन्होंने आनंद मोहन के खिलाफ क़ानूनी लड़ाई को फिर से लड़ने की घोषणा की है. आनंद मोहन की रिहाई पर निराशा जताते हुए उमा कृष्णैया ने कहा कि इससे अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा. ऐसे हत्या दोषियों को फांसी होनी चाहिए थी. लेकिन बिहार सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे समाज में गलत संदेश जाएगा. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से पूछा है कि क्या यही इंसाफ है? क्या जी कृष्णैया का यही कसूर है कि वह बिहार में काम करने गए थे? एक दलित और ईमानदार अधिकारी की हत्या करने वाले की रिहाई की जा रही हैं।

इतना ही नहीं आनंद मोहन की रिहाई के फैसले को चुनौती देने के लिए अब जी. कृष्णैया का परिवार बिहार सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रहा है. उनकी बेटी ने भी नीतीश सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ऐसा करेगी. हमने कभी सोचा नहीं था. यह गलत हो रहा है. मेरे पिता के अच्छे काम की चर्चा आज भी लोग करते हैं. उनके हत्यारे को जेल से क्यों छोड़ा जा रहा है.

परिवार की ओर से यह भी कहा गया है कि उन्होंने पीएम मोदी और राष्ट्रपति से भी आनंद मोहन की रिहाई रोकने की गुहार लगाई है. हालांकि अब आनंद मोहन की रिहाई हो चुकी है. वे सहरसा जेल से बाहर आ चुके हैं. लेकिन जी. कृष्णैया का परिवार अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने को तैयार है. परिवार का कहना है कि वे सरकार के इस फैसले से  सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इससे अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा. संदेश साफ है कि अपराध करो, जेल जाओ और फिर बाहर आकर राजनीति करो. उन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए थी.

आपको बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रहे आनंद मोहन की रिहाई को लेकर देश की राजनीति में बवाल मचा हुआ है. बसपा सुप्रीमों मायावती ने बीते दिन बयान जारी कर बिहार सरकार के इस फैसले की आलोचना की थी. भाजपा के कई नेताओं ने भी आनंद मोहन की रिहाई पर आपत्ति जताई थी. विपक्ष ने कहा है कि नीतीश सरकार के फैसले से ऐसे अपराधियों के भी जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हुआ है जो अपराध को बढ़ावा दे सकते हैं. 


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