GAYA : लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में कॉंग्रेस के सर्वमान्य नेता, इंडिया गठबंधन के नायक, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के पिछले पंक्ति में बैठाने को लेकर देशवासियों गहन चर्चा हैं। बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, उदय शंकर पालित, मोहम्मद समद, रूपेश चौधरी, उज्ज्वल कुमार, आयुष सेठ आदि ने कहा कि 10 वर्षो बाद स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष जिन्हे प्रोटोकॉल के अनुसार प्रथम पंक्ति में बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित होने के बजाय पीछे बैठाने की चर्चा देश के घर- घर, जन - ज़न में है।
नेताओं ने कहा कि सोशल मीडिया में राहुल गांधी की सिटिंग व्यवस्था के बारे में चर्चा होने के बाद रक्षा मंत्रालय द्वारा यह बात सामने आई है कि अगली पंक्ति ओलंपिक विजेताओं के बैठने के लिए होने के कारण उन्हें पीछे बैठाया गया। हालाँकि ओलम्पिक विजेता को सम्मान मिलनी चाहिए। लेकिन परंतु रक्षा मंत्रालय का यह बेतुका बयान समझ से परे है। क्योंकि लाल किले में कई पंक्तियों में प्रथम रो में बैठने की व्यवस्था रहती है। नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री के समान होता है। भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष राज्यसभा यानी राहुल गांधी एवं मल्लिकार्जुन खड़गे को बैठाने की व्यवस्था पांचवी पंक्ति में थी।
नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी अर्जुन की तरह मछली की आंख पर केंद्रित वाले की तरह पिछे की पंक्ति में बैठे देश के 78 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह पर अपना ध्यान केंद्रीय था और उन्होंने सिटिंग व्यवस्था पर कोई टिप्पणी भी नहीं किए। नेताओं ने कहा कि सिटिंग प्लान के जिम्मेदार रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार विपक्ष के नेता को हमेशा किसी भी पहली पंक्ति में बैठने की व्यवस्था रहती है।
नेताओं ने कहा कि लोकसभा मे विपक्ष के नेता का पद 2014 से 2024 तक यानी 10 साल तक खाली रहा। क्योंकि उस दौरान विपक्षी दल के पास नेता प्रतिपक्ष का पर्याप्त संख्या नहीं था, परंतु आज कॉंग्रेस पार्टी के पास पर्याप्त सांसद है तथा राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के साथ, साथ इंडिया गठबंधन के नायक है।
गया से मनोज की रिपोर्ट