PATNA : कांग्रेस पार्टी के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने बिहार में लॉक डाउन लगाने के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि कोर्ट के दवाब में यह देर से लिया गया ऐसा निर्णय है जिसे पहले ही लागू करना चाहिए था। उन्होंने बताया कि जिस तेजी से राज्य में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो गया है तथा सरकार के अब तक के सारे प्रयास चाहे 12 घंटे का कर्फ्यू ही क्यों ना हो नाकाफी साबित हो रहे थे। उसे देखते हुए लॉक डाउन पहले ही लगाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के प्रावधानों का पालन सभी लोगों को करना चाहिए तथा हर हाल में संक्रमण के बढ़ते चेन को रोकने हेतु अपना योगदान करना चाहिए।
उन्होंने कोरोना उन्मूलन के उद्देश्य से स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर व्यवस्था के नाम पर सभी विधायकों-विधानपार्षदो के एच्छिक कोष से दो दो करोड़ की राशि लेने संबंधी निर्णय को लेकर मुख्यमंत्री से पूछा कि पिछले साल जब 50-50 लाख रुपये इसी नाम पे लिए गए थे तो उसका क्या उपयोग विधायको-विधानपार्षदो के क्षेत्र एवं चयनित जिलों में कहाँ कहाँ हुआ यह सरकार को बताना चाहिए। क्योंकि सभी विधायकों एवं विधानपार्षदो को उनके इलाकों के अस्पतालों में व्यापक स्तर पर आवश्यक उपकरणो की कमी देखी जा रही है तथा एक वर्ष पूर्व की स्थिति से बदतर आज सामने है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे विचार करें कि सवाल 2 करोड़ या 50 लाख की राशि का नही बल्कि विधायकों, विधानपार्षदो के एच्छिक कोष से ली गयी राशि का उपयोग संबंधित जनप्रतिनिधियों के इलाकों में अवस्थित अस्पतालों में icu बेड बढ़ाने के साथ हीं ऑक्सीजन की उपलब्धता तथा चालू अवस्था मे वेंटिलेटर की मौजूदगी कैसे सुनिश्चित हो यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ राशि इकठ्ठा कर लेने से हम कोरोना को परास्त नही कर सकते,उक्त राशि का उद्देश्यपूर्ण उपयोग बिहार में किया गया होता तो आज इलाज के आभाव में बड़ी संख्या लोगों को प्राण नही गवाना पड़ता।
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट