News4nation desk : कोरोना के कहर ने पूरी दुनिया के जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।
देश में भी कोरोना को लेकर 21 दिनों का लॉक डाउन है। इस लॉक डाउन की सबसे ज्यादा मार प्रतिदिन कमाई कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वालों पर पड़ा है।
दूसरे प्रदेशों में रोजी-रोटी कमाने गए लोग पैदल ही अपने घर वापस लौट रहे है। वहीं घर वापसी के बाद भी उनकी मुश्बितें कम नहीं हो रही है।
दूसरे प्रदेशों से लौटे लोग अपने परिवार को बचाने के लिए खुद को क्वारेंटाइन करना चाहते है। लेकिन उनके सामने समस्या यह है कि घर में अलग कमरा नहीं है। ऐसे में वे पेड़ पर अपना बसेरा कर रहे है।
एक ऐसी खबर पश्चिम बंगाल से सामने आई है। जहां के पुरुलिया में वांगिडी गांव में उन लोगों ने पेड़ पर अपना घर बना लिया है, जो हाल में चेन्नई से लौटे हैं। आइसोलेशन के लिए इनके घर में अलग कमरा नहीं है, इसलिए ये 14 दिन तक पेड़ पर ही रहेंगे।
बता दें पुरुलिया गांव में इन मचानों का इस्तेमाल जंगली हाथियों पर नजर रखने और उनके हमले से बचने के लिए किया जाता है।