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11 राज्यों में फैला कोरोना, एक हफ्ते में सभी सैंपल नए स्वरूप जेएन.1 के मिले, पटना में बी मिले दो संक्रमित

11 राज्यों में फैला कोरोना, एक हफ्ते में सभी सैंपल नए स्वरूप जेएन.1 के मिले, पटना में बी मिले दो संक्रमित

PATNA-अभी कुछ समय तक हम सुनते आ रहे थे कि चीन, मलेशिया, सिंगापुर व इंडोनेशिया आदि देशों में कोरोना के नये वायरस का संक्रमण पाया गया है. लेकिन अब जब इस वायरस ने देश के कुछ राज्यों में दस्तक दे दी है तो देशवासियों का चिंतित होना स्वाभाविक है. यह दुखद संयोग ही है कि एक बार फिर केरल में नये कोरोना वायरस जेएन.1 के सौ से अधिक मामले प्रकाश में आए हैं.मौतों की भी बात कही जा रही है. वहीं केरल सरकार का कहना है कि वहां चिकित्सा तंत्र सक्रिय , जवाबदेह है और सावधानी से जांच-पड़ताल में संक्रमण के मामले उजागर हुए हैं. एक जीनोम सीक्वेंसिंग से नये वायरस की पहचान हो सकी है. देश में बीते पांच सप्ताह से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में जेएन.1 पाया जा रहा है, लेकिन अब इसके प्रसार में वृद्धि हुई है. बीते एक सप्ताह में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आए मरीजों के सभी सैंपल में यह नया उप स्वरूप मिला है, जो वर्तमान में दुनिया के 40 से अधिक देशों में संक्रमण को बढ़ावा दे रहा है. साथ ही देश के 11 राज्यों में कोरोना बढ़ रहा है.

राजधानी पटना में लंबे समय के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित दो मरीजों की पहचान हुई है. एक मरीज केरल की यात्रा करके लौटा है जबकि दूसरा संक्रमित असम की यात्रा करके लौटा है. स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने बताया कि दोनों मरीज को होम आइसोलेशन में रहने का परामर्श दे दिया गया है.
 भारत के जीनोमिक्स कंसोर्टियम यानी इन्साकॉग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि पिछले महीने नवंबर में जीनोम सीक्वेंस के दौरान देश के पहले चार जेएन.1 संक्रमित मामले सामने आए, लेकिन इस महीने 17 मरीजों में यह स्वरूप पाया गया. कुल आठ सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में सभी जेएन.1 से संक्रमित मिले, जबकि इससे पहले के सप्ताह में 20 फीसदी और 50 फीसदी सैंपल में यह पाया गया.

पिछली कोरोना लहर में देश व विदेश में जहां संक्रमण की जांच में सतर्कता और तेजी बरती गई, वहां कोरोना के ज्यादा मामले प्रकाश में आए. लेकिन एक हकीकत है कि कोराना के विषाणु को सदा के लिये समाप्त नहीं किया जा सकता. उर्वरा परिस्थितियों में वह अपना रूप बदलकर सामने आ जाता है. ऐसे में यदि हम साफ-सफाई के साथ सावधानी से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे तो संक्रमण से सुरक्षित रह सकेंगे

 लोगों ने मान लिया कि कोरोना वायरस सदा-सदा के लिये देश से चला गया। उसके बाद तमाम लापरवाही हम बरतने लगे हैं. दरअसल, 2019 में जब कोरोना वायरस पहली-पहली बार फैला था तो यही सर्दियों का मौसम था। आमतौर पर लोग वैसे भी इस मौसम परिवर्तन के दौरान सर्दी-जुकाम से पीड़ित होते हैं लेकिन यदि हम खानपान से लेकर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं तो अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं. जो हमें वायरस से मुकाबले की ताकत देगी.दो बड़ी कोरोना लहरों के दौरान देश ने बड़ी कीमत चुकाई. बड़ी संख्या में लोगों ने अपनों को खोया. लॉकडाउन के कारण रोजगार ठप हुए और लाखों लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा। विश्वास है कि हमें उस दु:स्वप्न को दोबारा नहीं देखना पड़ेगा. नये संक्रमण की दस्तक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सक्रियता दिखायी है। केंद्र ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी करके कोविड प्रोटोकॉल को गंभीरता से लेते हुए जरूरी कदम उठाने को कहा है.

कई राज्यों में ऑक्सीजन प्लांट्स देखरेख के अभाव में ठप पड़े देखे गये. स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस वायरस की घातकता को लेकर निश्चिंत हैं कि यह ज्यादा हानिकारक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद सतर्क और सावधान रहने की तो जरूरत है ही. आम लोगों को ज्यादा भीड़-भाड़ वाले इलाकों से परहेज करने तथा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.परहेज व सावधानी से ही हमारा बचाव संभव है. 

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