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दिव्यांग बच्चों के संरक्षण पर परामर्श कार्यक्रम का आयोजन , गया डीएम ने बाल श्रवण योजना के बारे में दी जानकारी

दिव्यांग बच्चों के संरक्षण पर परामर्श कार्यक्रम का आयोजन , गया डीएम ने बाल श्रवण योजना के बारे में दी जानकारी

गया-  दिव्यांग बच्चों की देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता, विशेष रूप से चिकित्सा प्रबंधन सहित  विकलांग बच्चों के लिए आवश्यक देखभाल को लेकर पटना के ज्ञान भवन एक कार्यशाला आयोजित की गई. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभय एस ओका, न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में विकलांग बच्चों के संरक्षण के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम किशोर न्याय निगरानी समिति, पटना  एवं उच्च न्यायालय के सहयोग से समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार और यूनिसेफ द्वारा आयोजित किया गया है. इस कार्यशाला में गया के जिला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम को बुलाया गया था. 

कार्यशाला को संबोधित करते हुए गया के  जिला पदाधिकारी  डॉ० त्यागराजन एसएम ने बताया कि 6 साल से कम उम्र वाले वैसे बच्चे जिन्हें सुनने की क्षमता नही थी को चिह्नित कर श्रवण श्रुति कार्यक्रम के तहत निशुल्क उपचार करवाया जा रहा है .ज़िला पदाधिकारी ने बताया कि  डब्ल्यूएचओ के सर्वे के अनुसार 1000 बच्चों में से 5- 7 बच्चे बोल नहीं पाते हैं और सुन नहीं पाते है.  इसलिए  स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ के सहयोग से श्रवण श्रुति कार्यक्रम गया जिला में शुरु किया गया है. 

गया के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में विशेष कैम्प लगवाकर बच्चों का चेकअप करवाया जा रहा है. ज़िले में अब तक 326399 से अधिक बच्चों का जांच करा लिया गया है, उनमें 652 बच्चों को उपचार कर ठीक करवा लिया गया. जिला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम ने बताया कि बच्चो की स्क्रीनिंग में 87 बच्चे बेरा पॉजिटिव पाए गए अर्थात हियरिंग लॉस पाए गए हैं.  उन  में से 45 बच्चों को नि शुल्क इलाज कराया गया. सर्जरी के बाद ये सभी बच्चों के माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान है. उन्हें अब आशा जग गयी कि वह अपने बच्चों की बोली सुन रहे हैं. बच्चे अपने मातापिता को प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं.

 जिला पदाधिकारी ने बताया कि आपरेशन के बाद सभी बच्चों को निःशुल्क स्पीच थेरैपी करवाया जाता है. स्पीच थेरैपी के माध्यम से बच्चों को सुनने एवं समझने का प्रशिक्षण दिया जाता है. कार्यक्रम मे उपस्थित सभी गणमान्य लोगों ने श्रवण श्रुति के तहत छोटे बच्चो के समुचित इलाज को लेकर काफी प्रशंसा की. बता दें कि अब पूरे बिहार में बाल श्रवण के नाम से यह योजना संचालित की गई है.

रिपोर्ट- अभिजीत कुमार

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