News4nation desk : दिल्ली के एक अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने नौकरी पेशा महिला को पति से अलग रहने पर गुजारा भत्ता देने से मना कर दिया है। पति से कम कमाने का हवाला देकर गुजारा भत्ते की मांग करने वाली महिला की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। सत्र अदालत ने कहा कि महिला शिक्षित है। नौकरी करती है। पति से तनख्वाह कम होने के आधार पर पत्नी गुजाराभत्ता नहीं मांग सकती।
सत्र अदालत ने मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश को बरकरार रखा है। रोहिणी स्थित जे के मिश्रा की अदालत में महिला की तरफ से दलील दी गई थी कि उसकी शादी वर्ष 2018 में हुई। परिवार वालों ने ससुराल वालों को भरपूर दहेज दिया था, लेकिन पति और ससुरालवालों ने उसे कम दहेज लाने के लिए तंग करना शुरू कर दिया। उसे अलग रहने पर मजबूर होना पड़ा। फिलहाल वह किराये पर रह रही है।
पति की तरफ से बताया गया कि पत्नी शादी के 17 दिन बाद से ही अलग रह रही है। वह घर छोड़ते समय जेवर और कीमती सामान साथ ले गई थी।
शपथ पत्र दाखिल करने के बाद मामला सामने आया
पेश मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों से आय को लेकर शपथपपत्र दाखिल करने को कहा। साथ ही आयकर की प्रति भी मांगी। दोनों पक्षों द्वारा पेश रिपोर्ट के अनुसार, जहां पति की मासिक आय 45 हजार रुपये पाई गई, वहीं पत्नी की मासिक आय 36 हजार रुपये पाई गई। जिसके बाद अदालत ने गुजारा भत्ता की मांग को खारिज कर दिया।