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मामा-भांजा मिलकर करते थे एके 47 का कारोबार, भांजे के पास 400 से ज्यादा जिंदा कारतूस बरामद

मामा-भांजा मिलकर करते थे एके 47 का कारोबार, भांजे के पास 400 से ज्यादा जिंदा कारतूस बरामद

MUNGER : मुंगेर एके 47 मामले में मामा की गिरफ्तारी के बाद अब भांजा पकड़ा गया है। दोनों मिलकर हथियार तस्करी का धंधा करते थे। एके 47 के मामले में पुलिस मुख्य आरोपी मंजर आलम उर्फ मंजी के भांजा सरफराज आलम को पुलिस ने 438 जिन्दा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है।

मामा-भांजा ने मिलकर अवैध हथियार तस्करी के कारोबार को फैला रखा था। बता दें कि दिल्ली में साल 2014 में बरामद एके 47 मामले में सरफराज आलम अपने मामा मंजी के साथ गिरफ्तार हुआ था। बाद में दोनों को तिहाड़ जेल भेजा गया था।  

एके 47 के मामले में मुंगेर पुलिस द्वारा लगातार बिहार सहित अन्य राज्यों में छापेमारी की जा रही है। कुख्यात तस्कर मंजर आलम ने अपने भांजा को कारतूस रखने के लिए दिया था। जैसे ही इसकी जानकरी पुलिस को मिली तो शुक्रवार की देर रात एएसपी हरि शंकर और एएसपी अभियान राणा नवीन के नेतृत्व में सरफराज आलम के घर छापेमारी की गयी। 

छापेमारी में कई थानों के थानाध्यक्ष और पुलिस के जवान शामिल थे। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के आई टी सी कॉलोनी शंकरपुर में स्थित सरफराज के घर पर छापा मारा गया था। घेरेबंदी के दौरान वो पुलिस को देखकर पीछे के दरवाजा से भागने लगा लेकिन पुलिस के जवानों ने उसे खदेड़कर पकड़ लिया। 

एसपी ने कहा कि जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने अपना नाम सरफराज आलम बताया। पुलिस ने जब घर की तलाशी ली तो 9 एम एम के 239 कारतूस और 7.65 बोर के 199 जिन्दा कारतूस बरामद की गयी। एसपी ने कहा कि गिरफ्तार सरफराज आलम अपने मामा के साथ मिलकर अवैध हथियार का कारोबार करता है। मामा की गिरफ्तारी के बाद सरफराज ने कुछ कारतूस बेच दी थी। 

आपको बता दें कि मुंगेर पुलिस अबतक 21 एके 47 की बरामदगी के साथ एके 47 के पार्ट्स और भारी मात्रा में जिन्दा कारतूस की बरामदगी की है। इस मामले में अब तक पुलिस ने 31 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है और 21 लोग अब तक फरार चल रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।


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