RAJASTHAN: दुनिया में जहां लाखों बच्चों को ममता नसीब नहीं हो पाती और कई मांएं बच्चों की आस में जीवन बिता देती हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ ममताहीन- संवेदनहीन महिलाएं ऐसे कुकृत्य को अंजाम देती हैं, जिससे उन्हें मां कहना, शब्द की निंदा करने के समान हो जाता है। ऐसा ही खौफनाक मामला सामने आया है राजस्थान के डूंगरपुर जिले से, जहां सौतेली मां ने 2 मासूमों को पानी भरे टब में डुबोकर मार डाला।
जिले के रामसागड़ा थाना क्षेत्र के शरम गांव के रहने वाले बद्रीलाल फेरा ने पहली शादी गुजरात की रहने वाली संगीता से की थी। इनका 3 साल का बेटा विशाल और 4 साल की बेटी निशा थी। 2 बच्चों के जन्म के बाद संगीता इन्हें छोड़ कर चली गई। जिसके बाद बद्रीलाल ने दुर्गा नाम की महिला से दूसरी शादी कर ली। हालांकि वह अपने परिवार के साथ नहीं रहता है और रोजगार के चलते गुजरात में रहता है। दोनों बच्चे अपनी नई मां और दादा दादी के साथ गांव में रहते थे। 3 जून को जब घर में कोई नहीं था तब दुर्गा ने इस कुकृत्य को अंजाम दिया। बच्चों की जोर-जोर से रोने और तड़पने की आवाज सुनकर घरवाले और ग्रामीण वहां जमा हो गए, तो दुर्गा ने इसे महज हादसा करार दे दिया। हैरानी की बात तो यह है कि इस बात पर घरवालों और ग्रामीणों ने यकीन भी कर लिया। इसके बाद बच्चों के शव को जंगल में दफना दिया गया। इन सब के बीच बच्चे के दादा को पूरे मामले पर यकीन नहीं हुआ और छगनलाल फेरा ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा दी। इस घटना के कुछ दिन बीत जाने के बाद दुर्गा सब को बिना बताए कहीं चली गई और 6 जून की सुबह वह वापस आ गई। घर वालों ने जब उससे कारण पूछा तो वह फूट-फूट कर रोने लगी और सारा कांड उगल दिया। बच्चों के मौत का भयावह सच जानकर सभी हक्के बक्के रह गए।
रामसागड़ा पुलिस को रविवार शाम इस घटना की सूचना मिली। जिसके बाद सोमवार को पुलिस टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद बच्चों के शव को खोजकर बाहर निकलवाया और कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया। यहां एक बात और गौर करने वाली है कि पूरे मामले की खुलासे के बाद बद्री के घरवालों ने उसकी पहली पत्नी संगीता और परिजनों को घटना की सूचना दी। लेकिन मौके पर कोई नही आया। यहां तक की जननी संगीता को बच्चों के प्रति मातृत्व समाप्त हो गया और उसने आने से इनकार कर दिया। इसे नसीब ही कहेंगे कि बच्चों को दो बार ममता की छांव देने की कोशिश की गई, मगर नसीब और किस्मत के आगे बच्चे हार गए।