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चुनाव पर संकट! सुशील मोदी की सलाह मान लेते CM नीतीश तो आज नहीं होती 'फजीहत', तीन दफे किया था आगाह..पर काहे की सुनेंगे मुख्यमंत्री

चुनाव पर संकट! सुशील मोदी की सलाह मान लेते CM नीतीश तो आज नहीं होती 'फजीहत', तीन दफे किया था आगाह..पर काहे की सुनेंगे मुख्यमंत्री

PATNA:  बिहार नगर निकाय चुनाव पर ईबीसी आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। पटना हाईकोर्ट ने इन जगहों पर नगर निकाय चुनाव पर लगा दी है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किए बिना ही चुनाव करा रही थी। हाईकोर्ट ने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के लिए 20% आरक्षित सीटों को जनरल कर नए सिरे से नोटिफिकेशन जारी करें। इस फैसले के साथ ही 10 और 20 अक्टूबर को होने वाली नगरपालिका चुनाव पर फिलहाल रोक लग गई है। सुशील मोदी आयोग गठित करने को लेकर सीएम नीतीश से कई दफे मांग कर चुके थे,लेकिन सरकार ने बात नहीं मानी। अब पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार की भारी फजीहत हुई है। 

सुशील मोदी की सलाह मान लेते तो नहीं होती फजीहत 

सुशील मोदी बार-बार यह मांग करते रहे कि राज्य सरकार आयोग गठित करे। जनवरी 2022 से लेकर मई 2022 तक तीन दफे सुशील मोदी ने सीएम नीतीश के समक्ष यह मांग उठाई थी। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अंतिम दफे 11 मई को लगातार तीन ट्वीट कर सीएम नीतीश से ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़े वर्ग की सूची तैयार करने की सलाह दी थी। तब उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अविलम्ब विशेष पिछड़ा आयोग का गठन कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़े वर्गों की सूची तैयार करना चाहिए. अन्यथा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र की तरह बिना पिछड़ा आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने की नौबत आ सकती है.

तुरंत पिछड़ा आयोग गठित करने की उठाई थी मांग  

सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "राज्य सरकार से अपील है कि अविलम्ब विशेष पिछड़ा आयोग का गठन कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर नगर निकायों में आरक्षण लागू करें ताकि ससमय चुनाव सम्पन्न हो सके. बिहार में इसी सूची को पंचायत और नगर निकाय में लागू किया गया है. कोर्ट के अनुसार राजनैतिक प्रतिनिधित्व की सूची नौकरी और शिक्षा की सूची से अलग होगी." बीजेपी सांसद ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अविलम्ब विशेष पिछड़ा आयोग का गठन कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़े वर्गों की सूची तैयार करना चाहिए अन्यथा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र की तरह बिना पिछड़ा आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने की नौबत आ सकती है."

पटना हाईकोर्ट का फैसला 

 नगरपालिका चुनाव में बगैर ट्रिपल टेस्ट के पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया गया था। इसे चुनौती देते हुए सुनील कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। गुरुवार को इस मामले पर आखिरी सुनवाई हुई थी और मंगलवार को इस पर फैसला सुनाया गया।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अविलम्ब विशेष पिछड़ा आयोग का गठन कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़े वर्गों की सूची तैयार करना चाहिए. अन्यथा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र की तरह बिना पिछड़ा आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने की नौबत आ सकती है.


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