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बिहार के 3500 अतिथि शिक्षकों के वेतन पर गहराया संकट, 13 विश्वविद्यालयों के पास नहीं है देने के लिए पैसे

बिहार के 3500 अतिथि शिक्षकों के वेतन पर गहराया संकट, 13 विश्वविद्यालयों के पास नहीं है देने के लिए पैसे

PATNA: बिहार के 3500 अतिथि शिक्षकों के वेतन पर संकट गहरा गया है। 13 सामान्य विश्वविद्यालयों के पास शिक्षकों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है। दरअसल, शिक्षा विभाग की तरफ से वेतन बंद करने के बाद अतिथि शिक्षकों को नियमित वेतन मिलना बंद हो गया है। विश्वविद्यालयों का कहना है कि उनके पास हर महीने अतिथि शिक्षकों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। 

मालूम हो कि, शिक्षा विभाग पिछले दो महीनों से अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहा है। जिससे अतिथि शिक्षकों के वेतन पर संकट आ गया। बता दें कि, उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर कहा था कि अतिथि शिक्षकों को आंतरिक स्त्रोत से ही वेतन देंगे। शिक्षा विभाग अब अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं देगा। वहीं अतिथि शिक्षकों को आंतरिक स्त्रोत से राशि देने में हर महीने दो करोड़ खर्च होंगे। विश्वविद्यालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इतनी राशि विश्वविद्यालय हर महीने खर्च नहीं कर सकता है।

बीआरएबीयू में 700 शिक्षकों के पद खाली हैं, जिनमें 400 अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं। अतिथि शिक्षकों को हर महीने 50 हजार रुपये मानदेय दिये जाते हैं। इन शिक्षकों को मार्च और अप्रैल का वेतन नहीं मिला है। बीआरएबीयू के अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. ललित किशोर ने बताया कि फरवरी तक का वेतन मिला है। शिक्षा विभाग की तरफ से वेतन नहीं मिलने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

वहीं इसको लेकर अतिथि शिक्षकों में भी आक्रोश है। शिक्षक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। बीआरएबीयू में आर्ट्स विषय में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति बीच में ही रुक गई है। विश्वविद्यालय के पास पैसे नहीं होने से यह नियुक्ति प्रक्रिया अटकी हुई है। इससे पहले जनवरी में कॉमर्स और विज्ञान विषय में 222 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। इन शिक्षकों को भी हर महीने वेतन नहीं मिल रहा है। 

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