DARBHANGA : दरभंगा एयरपोर्ट पर विमानों का आवागमन शुरू हो गया है. लेकिन इस एयरपोर्ट के लिए नीलगाय एक गंभीर विषय बनी हुई है. चाहे अनचाहे नील गाय जंगल से निकल कर रनवे की तरफ आ ही जाती है. ऐसे में यहाँ पर कोई बड़ी घटना की आशंका बनी रहती है. नीलगाय की समस्या के समाधान हेतु समय रहते क्या क्या उपाय किये जा सकते है. इसके लिए कई बार हाई लेवल की मीटिंग हो चुकी है. फिलहाल प्रशासन ने जंगली जानवर से बचाव के लिए होमगार्ड के जवानों को तैनात करते हुए, सरकार को जंगली जानवर से मुक्ति के लिए 56 लाख रूपये का प्रस्ताव भेजा है.
नील गायों को हटाने में डेढ़ से दो माह का लगेगा समय
मिथिला वन प्रमंडल पदाधिकारी चंचल प्रकाशम ने बताया कि नील गायों को ट्रेंकुलाइज (बेहोश करके) दूसरे स्थल पर भेजने के प्रस्ताव के आलोक में 56 लाख रुपये का प्राक्कलन भेजा गया है. वर्तमान में उस क्षेत्र में जल जमाव है, जलजमाव समाप्त होने के उपरांत ही यह कार्य प्रारंभ किया जाएगा. राशि प्राप्त होने के उपरांत नील गायों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी. जिसमें डेढ़ से दो माह का समय लगेगा.
एयरपोर्ट द्वारा प्रशिक्षित होमगार्ड को इस कार्य के लिए किया गया है तैनात
दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्याग राजन ने मीडिया से बात करते हुए कहा की दरभंगा एयरपोर्ट पर नीलगाय एक गंभीर विषय बनी हुई है. सुरक्षित उड़ान के दृष्टिकोण से फिलहाल यहाँ नीलगाय के लिए फैंसिंग का काम शुरू कर दिया गया है. साथ ही इस समस्या के निदान को लेकर केंद्र के सरकार के स्तर पर अहम बैठक भी की गई है. तत्काल नीलगाय पर नजर रखने के लिए एयरपोर्ट द्वारा प्रशिक्षित होमगार्ड को इस कार्य में लगाया गया है. वे हवाई जहाज के लैंडिंग एवं उड़ान के पूर्व नील गायों पर नजर रखते हैं. साथ ही राज्य सरकार के माध्यम से जल्द फैसले के बाद वन विभाग द्वरा सभी नीलगाय को बेहोश कर दूसरे जगह भेजा जाएगा. ताकि सुरक्षित उड़ान यहाँ से हो सके.
8 नवंबर को पहली बार पहुंचा था स्पाइस जेट का विमान
गौरतलब है कि 8 नवंबर को सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर स्पाइस जेट का विमान यात्रियों को बेंगलुरु से लेकर पहली बार दरभंगा हवाई अड्डा पर लैंड किया था. विमान उतरते ही लोग खुशी से उछल पड़े और सड़क के किनारे खड़े लोगों ने तालियों से विमान का स्वागत किया था. मालूम हो की वायु सेना केंद्र में रनवे के दक्षिण इलाके में घने जंगल है. जिसमे नीलगाय सहित कई तरह के जंगली जानवर रहते है. जिसमे नीलगाय की संख्या सबसे ज्यादा है. ऐसे मे कई बार नील गाय जंगल से निकल कर रनवे पर भी घूमते देखी गई है. लेकिन अब यहाँ से प्रत्येक दिन कई उड़ाने होने के कारण नील गाय एक बड़ी समस्या हो गयी है.
दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट..