SITAMARHI : लोभ/लालच में कोई- कोई व्यक्ति किसी भी स्तर तक गिर जाता है। गिरने की भी एक हद होती है, पर ऐसे भी लोग है कि जो लालच में पड़कर गिरने की सारी हदें पार कर जाते है। कुछ इसी तरह का एक मामला सामने आया है। सीतामढ़ी शहर से सटे एक मुहल्ला में एक महिला ने अपनी सास के जीवित रहने के बावजूद उसके नाम का मृत्यु प्रमाण-पत्र निर्गत करा लिया। इस मामले की खबर मिलते ही नगर निगम कार्यालय में हड़कंप मच गया। पूर्व में कई महिलाएं पति के जीवित रहने के बावजूद विधवा का प्रमाण - पत्र बनवा कर पेंशन उठा रही थी। खुलासे के बाद पेंशन बंद कर दिया गया था।
जीवित सास कागज पर मृत घोषित
बताया गया है कि नगर निगम के मेहसौल गोट गांव के जावेद की पत्नी तब्बसुम प्रवीण ने नगर निगम में एक आवेदन देकर अपनी सास समीना खातून की मृत्यु की जानकारी देने के साथ मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए आग्रह की थी। बताया था कि 25 नवंबर 22 को आवास पर ही सास की मृत्यु हुई थी। आवेदन पर गवाह के रूप में अकरम, सरफराज, असगर अली, नौशाद और वारिस के नाम का उल्लेख था। निगम के कर्मी की जांच के बाद नौ दिसंबर 22 को मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया गया था। यानी जीवित सास को सरकारी अभिलेख में मृत करार दिया।
शिकायत की जांच के बाद खुलासा
इस बीच, स्थानीय लोगों ने निगम में आवेदन देकर इस बात की शिकायत की कि तब्बसूम प्रवीण द्वारा गलत ढंग से और जालसाजी कर जीवित सास का मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवा लिया गया है। इसके बाद निगम में हड़कंप मच गया। निगम ने शिकायत की जांच कराई। इस दौरान निगम कर्मी को ग्रामीण आलमगीर, जफीर, एहसान समेत अन्य ने बताया कि तब्बसूम प्रवीण की सास समीना खातून जीवित है। वह अपने दामाद के साथ पटना में रहती है। नाजायज लाभ लेने के लिए तब्बसूम प्रवीण जालसाजी कर सास का मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करा ली है।
आवेदक और गवाहों पर प्राथमिकी
नगर आयुक्त के आदेश पर निगम के प्रधान कोषपाल विजय कुमार पाल द्वारा आवेदक तब्बसूम प्रवीण और पांच गवाहों के खिलाफ 420 समेत आधा दर्जन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। नगर आयुक्त के आदेश के आलोक में समीना खातून के नाम से निर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र को रद करने की भी कार्रवाई की जा रही है।
सीतामढ़ी से अविनाश कुमार की रिपोर्ट