NEWS4NATION DESK : उग्रवाद से निपटने को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी विज्ञान भवन में आयोजित बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने वामपंथी उग्रवाद से निपटने को लेकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार लंबे समय से उग्रवाद से प्रभावित रहा है जिसके कारण कई बड़ी घटनाएं घटित हुई हैं। राज्य सरकार इसके प्रति प्रारंभ से ही सजग रही है साथ ही द्विपक्षीय रणनीति के द्वारा इसका प्रभावकारी सामना किया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में उग्रवादी गतिविधि काफी हद तक नियंत्रण में है जो कि गृह मंत्रालय के आंकड़ों से स्पष्ट है। पिछले 5 वर्षों की तुलना की जाए तो 13 की तुलना में वर्ष 18 में हिंसा की घटनाओं में 60% तथा इन घटनाओं कारण हुई मृत्यु की संख्या में 65% की कमी आई है।
सीएम ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद का सामना करने के लिए राज्य सरकार ने बहुमुखी रणनीति अपनाई है। न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर आधारित आपकी सरकार आपके द्वार योजना वर्ष 2006 से प्रभावित इलाकों में आरंभ की गई। गृह मंत्री के समक्ष सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जिसमें उग्रवादी तत्वों की गतिविधि पर रोक लगाने के लिए उनके द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्ति को जप्त करने एवं उनके का पता लगाने का कार्य यूएपी 167 के तहत प्रारंभ किया गया।
सीएम नीतीश ने कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के अंतर्गत बिहार से कुल 9 प्रस्ताव समर्पित किए गए, जिसमें 5 प्रस्ताव में प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा करीब तीन करोड़ रूपए की चल अचल संपत्ति जप्त की जा चुकी है एवं चार मामलों में 2.80 करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति जप्त करने हेतु प्रवर्तन निदेशालय के पास प्रस्तावित है।
उन्होंने गृह मंत्री के समक्ष कहा कि हमने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि बिहार के पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को पीएमएलए के तहत 5 करोड़ तक की सीमा में कानून के अनुरूप कार्रवाई की शक्ति प्रदान करने की स्वीकृति दी जाए। इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की आकृति सूचित की गई है। केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य सरकार के प्रस्ताव को एक बार फिर से पुनर्विचार करना चाहिए।
विवेकानंद की रिपोर्ट