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उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने तेजस्वी को लिया निशाने पर, कहा- जनगणना के मुद्दे से वोट बांटने की साजिश हो रही, हम होने नहीं देंगे

उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने तेजस्वी को लिया निशाने पर, कहा- जनगणना के मुद्दे से वोट बांटने की साजिश हो रही, हम होने नहीं देंगे

PATNA: जातिगत जनगणना को लेकर एक बार फिर से बवाल मच गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि वह जातिगत जनगणना नहीं करा सकती। इसको लेकर बिहार में सियासत में गरमा गई है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने देश के 33 पार्टियों के प्रमुख को पत्र लिखा है, जिसे उन्होनें ट्विटर पर साझा किया है। उन्होनें सभी से जातिगत जनगणना के मुद्दे पर एकजुट होने की मांग की है।

इसको लेकर सहयोग कार्यक्रम में पहुंची उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि यह लोग सामाजिक समरसता की बात करते हैं जाति जनगणना से क्या होगा? जातिगत जनगणना की बात करने वाले पहले यह बताएं कि कितने दल ने गरीबों को नेता बनाया है? जाति आधारित जनगणना से वोट बनाने की कोशिश हो रही है। यह हम नहीं होने देंगे। जब समय होगा तब जनगणना की बात की जाएगी। देश का विकास हो रहा है और उसमें छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। जातिगत जनगणना की आड़ में वोट लेने की कोशिश में विपक्ष काफी वक्त से लगा हुआ है। उनके पास मुद्दे खत्म हो गए है, इसलिए बेवजह की चीजों को हवा दी जा रही है। आगे उपमुख्यमंत्री कहतीं है कि एनडीए घटक दल में कई सारी पार्टियां है। सभी की सोच एक जैसी हो, यह जरूरी नहीं है। जनता सर्वोपरि है, उनके मत से ही जीतकर हम यहां सरकार में है। जातिगत जनगणना पर जदयू और हम पार्टी की अलग सोच है, बीजेपी की अलग सोच है। आपसी मतभेद कराने के लिए जाति जनगणना की बात हो रही है। जबकि ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है।

बीते दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। इसको लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि, किसान के विरोध में किसान नहीं आते हैं, मजदूरों को लाया जाता है। दिल्ली के जंतर मंतर पर मजदूर कैसे लाए गए यह साबित भी हुआ है। किसानों का नाम खराब करने की कोशिश की जा रही है। जबकि प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर अराजक तत्व होते हैं, किसान नहीं। किसानों के हित में देश की सरकार ने काम किया है। किसानों को निर्धारित मूल्य केंद्र सरकार से मिल रही है। किसानों को भ्रम जाल में डालकर आंदोलन के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जो कहीं से भी उचित नहीं है।

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