निगरानी को देख DFO की 'यादाश्त' हो गई गायब ! विजिलेंस ब्यूरो के हर सवाल का एक ही जवाब- मुझे कुछ भी याद नहीं

PATNA: बिहार में भ्रष्ट अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी जारी है। नीतीश सरकार ने आर्थिक अपराध इकाई, विशेष निगरानी इकाई और निगरानी ब्यूरो को खुली छूट दे रखी है। इसका असर भी दिख रहा है। पिछले साल से तीनों जांच एजेंसी लगातार भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ एक्शन ले रही है। हालांकि अवैध कमाई करने वाले भ्रष्ट अफसर भी कम चालाक नहीं है। अकूत संपत्ति को ठिकाना लगाने,जांच एजेंसी की नजरों से बचने के लिए तरह-तरह के हठकंडे अपना रहे हैं। ऐसे ही एक भ्रष्ट अफसर पर जब निगरानी ने दबिश दी तो अधिकारी पसीने-पसीने हो गया। संपत्ति का पता नहीं चले इसके लिए तरह-तरह की बहानेबाजी करने लगा। जांच अधिकारियों के हर सवाल पर उसका एक ही जवबा होता था..मुझे याद नहीं।

जांच एजेंसी को देख यादाश्त हो गई खत्म

दरसअल, तीन दिन पहले निगरानी ब्यूरो की टीम ने सुपौल के वन प्रमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार शरण पर शिकंजा कसा था। ब्यूरो की टीम उनके सरकारी दफ्तर और सुपौल स्थिति आवास के साथ-साथ पटना स्थित घर की तलाशी ली। इस दौरान जब जांच एजेंसी के अधिकारी उस भ्रष्ट अफसर से सवाल पूछते थे तो उसका एक ही जवाब होता था....मुझे याद ही नहीं है। यानि वो संपत्ति से जुड़े कागजातों के बारे में जानकारी छुपाना चाहते थे। लेकिन डीएफओ ने इतनी संपत्ति अर्जित कर रखी थी कि उसे छुपाना मुश्किल हो रहा था। डीएफओ की चुप्पी और यादाश्त कमजोर होने का बहाना नहीं चला और पटना स्थिति आवास से ही सारी जानकारी मिल गई। जांच में शामिल एक अधिकारी की मानें तो डीएफओ से जब पूछा जा रहा था तो वे एक ही बात कहते रहे उन्हें कुछ भी याद नहीं। हालांकि नहीं बताने के बाद भी पटना से लेकर पूणे तक में फ्लैट और जमीन के कागजात मिल गये. 

संपत्ति की लंबी लिस्ट

पटना में श्रीकृष्णापुरी स्थित मकान की तलाशी के दौरान निगरानी के सामने इनकी और काली कमाई उजागर हुई। भ्रष्ट अफसर ने अपने पुत्र के नाम पुणे में करोड़ों की कीमत के दो फ्लैट ले रखे हैं। यहां एक दुकान भी है। अफसर के पास से नालंदा और बरबीघा में भी जमीन खरीदने के प्रमाण मिले हैं।  वन प्रमंडल पदाधिकारी सुनील पर शनिवार को ही आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा करने के बाद इनके सुपौल स्थित घर और आफिस में छापा मारा गया था। पटना का आवास उस दिन सील कर दिया गया था। रविवार को पटना के दक्षिणी श्रीकृष्णापुरी के मकान के साथ मौर्य पथ के आश्रय शांति विहार स्थित फ्लैट की भी तलाशी ली गई। जिसमें कई और संपत्तियों का खुलासा हुआ है। निगरानी ब्यूरो के अनुसार भ्रष्ट अफसर की बरबीघा में एक बीघा जमीन है। नालंदा में इन्होंने जमीन खरीदी है।  बरबीघा में स्टेट बैंक में इनका एक लाकर भी है। जो सील कराया गया है।  इनके आवास से तलाशी में 4.12 लाख नकद के साथ 6.29 लाख का सोना भी बरामद हुआ है। इनके 14 बैंक खाते भी हैं जिनमें करोड़ों जमा हैं। कई बैंकों के 13 एटीएम और क्रेडिट कार्ड भी बरामद किए गए हैं। इनके पास 14 लाख की छह इंश्योरेंस पालिसी भी हैं। सुनील कुमार शरण ने एसआइपी व म्युचुअल फंड में करीब 12 लाख का निवेश किया है। किसान विकास पत्र एवं एनएससी में 2.40 लाख का निवेश भी है। भ्रष्ट अफसर ने संपत्ति में निवेश खुद के साथ पत्नी और बेटे के नाम पर किया है। शरण और पत्नी सुधा के नाम पटना के धनौत और पुनपुन में जमीन के छह प्लाट हैं। शरण के खिलाफ 1,22,60,480 रुपए के आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है पर तलाशी में मिले कागजात के बाद इसका और बढऩा तय है।

Nsmch
NIHER