डेस्क... बिहार में अपराध बढ़ने के दावों को डीजीपी ने खारिज कर दिया। कहा कि यह आधारहीन है। सिर्फ कह देने से अपराध नहीं बढ़ जाता है। आकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2019 के जनवरी से नवम्बर के मुकाबले साल 2020 की इसी अवधि में अपराध के 18 शीर्षों में से 14 में कमी दर्ज की गई है। वहीं साल 2019 व 2020 के नवम्बर में हुई घटनाओं की तुलना करें तो अपराध के 18 शीर्षों में से 15 में कमी आई है। डीजीपी ने कहा कि राज्य में जहां कहीं घटनाएं हुई हैं उनमें से अधिकतर को दो-तीन दिनों के अंदर सुलझा लिया गया। कुछ मामलों में वक्त लगता है। हर एक मामले का उद्भेदन पुलिस कर रही है।
इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रूपेश कुमार की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए शनिवार को डीजीपी पटना के एसएसपी ऑफिस पहुंचे। पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद उन्होंने से मीडिया से बातचीत में कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है। कई बिंदुओं पर जांच चल रही है। उम्मीद है कि जल्द इस मामले का खुलासा होगा।
डीजीपी ने कहा कि रूपेश की हत्या जिस तरीके से की गई है, उससे साफ है कि यह कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का मामला है। इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है, इसका पता लगा रहे हैं। कई बिंदुओं पर हमारी छानबीन जारी है। तकनीकी और मानव आधारित इंटेलिजेंस की मदद से हत्याकांड की हर संभावित पहलू को देखा जा रहा है। हमें भरोसा है कि जल्द इस हत्याकांड को सुलझा लिया जाएगा।
ढाई घंटे तक अधिकारियों के साथ की बैठक
डीजीपी एसके सिंघल एसएसपी ऑफिस में ढाई घंटे तक रहे। उन्होंने रूपेश हत्याकांड में हुई अबतक की जांच पर अधिकारियों से फीडबैक लिया। जांच में क्या प्रगति हुई है इसकी जानकारी लेने के बाद उन्होंने आगे किन बिंदुओं पर जांच करनी है इसके लिए पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। डीजीपी के साथ एडीजी सीआईडी विनय कुमार, एडीजी विधि-व्यवस्था अमित कुमार, एडीजी अभियान सुशील खोपड़े, आईजी रेंज संजय सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा भी थे। वहीं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ एसआईटी की अधिकारी भी मौजूद रहे।