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धनकुबेर निकलीं डिप्टी डायरेक्टर ! इधर...पथ निर्माण के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की 2021 तक पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति छुपाने का सबूत देखें.....

धनकुबेर निकलीं डिप्टी डायरेक्टर !  इधर...पथ निर्माण के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की 2021 तक पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति छुपाने का सबूत देखें.....

PATNA: बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। सरकार की तीन जांच एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई, विशेष निगरानी इकाई और निगरानी ब्यूरो भ्रष्ट अफसरों को चिन्हित कर कार्रवाई में जुटी है। इओयू ने आज शिक्षा विभाग के एक धनकुबेर अफसर के ठिकानों पर छापेमारी की है। शिक्षा विभाग के उप निदेशक विभा कुमारी के खिलाफ आय से 51 फीसदी अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया गया है। इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई ने पटना सचिवालय स्थित दफ्तर समेत तीन उप निदेशक के तीन ठिकानों पर छापा मारा है. रेड में अकूत संपत्ति का पता चला है। वैसे उप निदेशक विभा कुमारी अकेले नहीं सभी विभागों में तैनात ऐसे न जाने कितने अधिकारी हैं जिन्होंने सेवा काल में अकूत संपत्ति अर्जित की है। कुछ तो ऐसे भी अधिकारी हैं जो सरकार की आंखों में धूल झोंकते हैं. पथ निर्माण विभाग के एक कार्यपालक अभियंता हैं, जिन्होंने 2021 तक पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति को छुपाये रखा. इधर,जांच एजेंसी द्वारा हो रही कार्रवाई की खबर से चिंतित कार्यपालक अभियंता ने 2022 में अचानक पत्नी के नाम पर 5 बीघे से अधिक जमीन के बारे में सरकार को जानकारी दी है। बड़ा सवाल यही है कि जब कार्यपालक अभियंता की पत्नी के नाम पर पांच साल पहले से जमीन है तो 2021 तक संपत्ति के ब्योरा में उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया ? आज हम आपको 2020 ,2021 को इंजीनियर द्वारा दिये गये संपत्ति ब्योरा को सार्वजनिक करेंगे,ताकि आप समझ सकेंगे कि हकीकत क्या है....। 

वो कौन हैं पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता,जानें....

हम बात कर रहे हैं पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता शैलेश कुमार की। शैलेश कुमार पिछले महीने तक बिहार पुल निर्माण निगम पटना में प्रोजेक्ट इंजीनियर के पद पर पदस्थापित थे. अक्टूबर 2022 में इन्हें किशनगंज में पथ निर्माण विभाग का कार्यपालक अभियंता बनाकर भेजा गया है. इन्होंने 2020-21 में अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया था उसमें पत्नी के नाम पर एक ईंच जमीन का उल्लेख नहीं किया था। स्पाउस (wife) की संपत्ति वाले खाने में NILL का उल्लेख किया था. वर्ष 2020-21 तक इंजीनियर साहब की पत्नी के नाम पर न तो कृषि योग्य भूमि थी और न गैर कृषि योग्य। यानी पत्नी बिल्कुल ही भूमिहीन थीं. लेकिन अगले साल इंजीनियर शैलेश कुमार की पत्नी जमींदार बन गईं. अचानक उनके नाम पर पांच बीघा से अधिक जमीन हो गया। खुद कार्यपालक अभियंता शैलेश कुमार ने 2021-22 में अपनी संपत्ति के ब्योरा में इसका उल्लेख किया है. 6 फरवरी 2022 को सरकार को दिये संपत्ति ब्योरा में पत्नी के नाम पर 306 डिसमिल कृषि योग्य और 18 डिसमिल गैर कृषि योग्य भूमि का उल्लेख किया है। जबकि 31 जनवरी 2021 को इंजीनियर ने अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया था उसमें पत्नी के नाम पर एक डिसमिल जमीन का भी उल्लेख नहीं किया था। इसके पहले के संपत्ति के ब्योरा में भी पत्नी के नाम जमीन का जिक्र नहीं किया है. 

2021 तक नहीं दी जानकारी, अचानक 2022 में किया सार्वजनिक 

आखिर एक साल में ही इंजीनियर के पास इतनी जमीन कहां से आ गई। इस पर हमने तहकीकात किया।  तब पता चला कि पत्नी के नाम पर जमीन तो पहले से ही है. लेकिन इंजीनियर साहब ने पत्नी के नाम पर खरीदी गई जमीन के बारे में सरकार को जानकारी नहीं दी थी। पत्नी के नाम पर बांका में 2016-19 में ही जमीन खरीदी गई. इसके अलावे पटना में भी। अब बड़ा सवाल यही है कि आखिर पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर ने पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति को इसके पहले तक छुपा क्यों रहे थे. हमने किशनंगज में पदस्थापित पथ निर्माण के कार्यपालक अभियंता शैलेश कुमार से पूछा तो उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है। मैं हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा सरकार को देता हूं. जब हमने पूछा कि पिछले साल तक तो आपने पत्नी के नाम वाली संपत्ति का उल्लेख तो नहीं किया था...अचानक पत्नी के नाम इतनी जमीन ? तब कार्यपालक अभियंता ने कहा कि कहीं कोई तकनीकी गड़बड़ी हुई होगी,इसी वजह से यह समस्या हुई होगी। वैसे कार्यपालक अभियंता ने अपनी संपत्ति के ब्योरा में एक और बड़ी गड़बड़ी की है. उसके बारे में अगली कड़ी में खुलासा करेंगे। 

2020- 21 में दिया गया संपत्ति का ब्योरा  

2019-20 में दिये गये संपत्ति के ब्योरा को देखें....

2021-22 में अचानक पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति का दिया ब्योरा,देखें....


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