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बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पहुंचेंगे बक्सर, इस महीने दरबार लगाकर करेंगे समस्याओं का समाधान, बन गया पूरा कार्यक्रम

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पहुंचेंगे बक्सर, इस महीने दरबार लगाकर करेंगे समस्याओं का समाधान, बन गया पूरा कार्यक्रम

BUXER : बक्सर के पिपराढ़ में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन में शामिल होने के लिए देश के कई नामी-गिरामी संत पहुंचेंगे जिसमें बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी बक्सर पहुंचेंगे यह जानकारी संत गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी महाराज ने दी.   कम्हरिया गंगा घाट पर बने अपने आश्रम में उन्होंने बताया कि जिले के राजपुर प्रखंड के पिपराढ गाँव में इसी वर्ष आगामी 30 अक्टूबर से 04 नवम्बर तक श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ सह अंतराष्ट्रीय धर्म महासम्मेलन आयोजित होगा. जिसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई है. चूंकि देश के बड़े सन्तों का प्रोग्राम शेड्यूल पहले से ही तय रहता है इसलिए निमंत्रण पत्र देने का काम अभी से जारी है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश पहुंचकर बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिलकर उन्हें भी निमंत्रण दिया गया है. जिसके बाद उन्होंने कहा है कि 1 नवंबर से 4 नवंबर तक का समय वे बक्सर में देंगे और इस बीच दरबार लगाकर भक्तों की समस्याओं को सुनेंगे

100 बीघे जमीन पर होगा अंतराष्ट्रीय धर्म महासम्मेलन :

 गंगापुत्र ने बताया कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इस तिथि को अपने प्रोग्राम शेड्यूल में दर्ज कर चुके हैं जिसके कारण उनका बक्सर आना तय है. गंगापुत्र ने बताया कि इसके अतिरिक्त वृंदावन के सभी महापुरुषों को महायज्ञ का निमंत्रण पत्र दिया गया है. जिमसें प्रसिद्ध कथावाचक श्री अनिरुद्धाचार्य जी एवं देवकीनंदन जी महाराज ने भी बक्सर आने का आश्वासन दिया है. जहाँ अनिरुद्धाचार्य जी की कथा चार दिनों तक चलेगी तो वही देवकीनंदन जी महाराज ने एक दिन का समय दिया है. 

गंगापुत्र ने बताया कि अगले हफ्ते वे अयोध्या नगरी भी जाने वाले हैं जहाँ के बड़े संत महात्माओं को निमंत्रण देंगे. उन्होंने बताया कि जिले के राजपुर प्रखंड के पिपराढ़ में महायज्ञ के लिए अभी से तकरीबन 100 बीघा जमीन चयनित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसे खाली छोड़ दिया जाएगा. उस पर फसल की बुआई नहीं होगी. 

उनका उद्देश्य है कि बक्सर 1764 की लड़ाई से न जानी जाएं बल्कि, वेद पुराण में बक्सर का जैसा वर्णन है उस भाव से इसको देखा जाए. इसलिए महायज्ञ के साथ साथ अंतराष्ट्रीय धर्म महासम्मेलन भी कराया जा रहा है

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