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72 साल के हुए डिस्को डांसर : कभी नक्सली जीवन गुजारा, कभी फिल्मों में आने के लिए पानी की टंकी पर गुजारी रात

72 साल के हुए डिस्को डांसर : कभी नक्सली जीवन गुजारा, कभी फिल्मों में आने के लिए पानी की टंकी पर गुजारी रात

DESK : 16 जून 1950 को जन्मे मिथुन की सफलता भरी जिंदगी की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. एक्टर के 72वें जन्मदिन पर बताते हैं इनकी जिंदगी से जुड़ी वो बातें जो किसी को भी मुश्किल भरे हालात में लड़ने का हौंसला दे सकती है। मिथुन चक्रवर्ती बांग्ला और हिंदी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता हैं। इन दिनों फिल्मों के साथ-साथ कई रियलिटी शोज पर भी देखे जाते हैं। हाल ही में आई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की वजह से काफी सुर्खियों में हैं। मिथुन की नशीली आंखे, डायलॉग डिलेवरी का अंदाज उन्हें सबसे जुदा बनाता था. फिल्मों में काम पाने के लिए मिथुन ने काफी मशक्कत की है।

पहली ही फिल्म के लिए मिला था नेशनल अवार्ड 

मृणाल सेन ने उन्हें ब्रेक दिया था. साल 1976 में फिल्म ‘मृगया’ से डेब्यू  किया।  फिल्म में उन्होंने एक ऐसे संथाली युवक की भूमिका निभाई थी जो अंग्रेजी हुकूमत द्वारा अपनी पत्नी के यौन शोषण के विरूद्ध आवाज उठाता है। फिल्म में उन्हें दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लेकिन यहां तक पहुंचना आसान न था। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने संघर्ष के दिनों की बातें कई बार शेयर की हैं। एक बार मिथुन ने बताया था कि जब वह पहली बार मुंबई आए तो उनके लुक और डार्क स्किन टोन की वजह से रिजेक्ट कर दिया जाता था। उनके पास मायानगरी में सिर छिपाने के लिए एक छत तक नहीं थी।

कैमिस्ट्री ग्रेजुएट होने के बाद भी सालों तक रहे नक्सली

मिथुन को आज हिन्दी फिल्मों का कामयाब सितारा माना जाता है। लेकिन फिल्मों में आने से पहले उनकी जिंदगी कुछ और थी। फिल्मों में आने से पहले मिथुन का असली नाम गौरांग था। पढ़ाई में वह बेहतर थे। मिथुन ने केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया था। ग्रेजुएशन के बाद मिथुन नक्सली आंदोलन में शामिल होकर कट्टर नक्सली बन गए और घर से दूर हो गए। दुर्भाग्य से मिथुन के इकलौते भाई का एक हादसे में निधन हो गया। घर की मुश्किल परिस्थितियां देखते हुए उन्होंने नक्सली आंदोलन छोड़कर घर की तरफ रुख कर लिया। नक्सलवाद से नाता तोड़ने पर मिथुन की जान को भी खतरा था, लेकिन इसके बावजूद वो नहीं डरे। 

यहां से शुरू हुआ फिल्मों में स्ट्रगल

नक्सली की जिंदगी छोड़ने के बाद मिथुन ने फिल्मों की  तरफ रूख किया। लेकिन उस समय फिल्मों का रास्ता तय करना इतना आसान नहीं था। स्ट्रगल के दिनों में . वह बिल्डिंग की छतों और पानी की टंकी पर सोया करते थे और दिन भर काम की तलाश में भटका करते थे। अमिताभ बच्चन की फिल्म दो अंजाने दूसरी फिल्मों में उन्हें छोटी सी भूमिका में देखा जा सकता है।

देश का पहला डिस्को डांसर

मिथुन चक्रवर्ती के डिस्को डांसर वह फिल्म थी, जिसने उनकी पूरी जिंदगी की पहचान बदल दी। फिल्म में अपने डांस से मिथुन ने भारत सहित दुनिया के सिनेमा प्रेमियों को अपना दीवाना बना लिया। मिथुन को देश का पहला डिस्को डांसर माना जाता है। इस फिल्म के बाद कई फिल्म ऐसी आई, जिनमें उनके डांस नंबर जरुर रखे जाते थे। लेकिन फिल्मों में कामयाबी मिथुन के लिए लंबे समय तक नहीं रही। मिथुन की गिनती उन एक्टरों में की जाती है, जिनकी ज्यादातर फिल्में दर्शकों ने सिरे से खारिज कर दी। लेकिन इसके निर्माताओं को को नुकसान नहीं हुआ। क्योंकि इन फिल्मों का बजट कम होता था और कम समय में इसे तैयार कर लिया जाता था। धीरे धीरे समय के साथ मिथुन को यह समझ आने लगी कि उम्र के साथ अब फिल्मों में वह बतौर हीरो नहीं चल सकते तो उन्होंने सहायक भूमिका करनी शुरू कर दी। यहां भी उन्होंने अपना रंग जमाया। गुरू, द ताशकंद फाइल्स, द कश्मीर फाइल्स, बॉस आदि कुछ ऐसी फिल्में  हैं, जिनमें मिथुन के काम को काफी पसंद किया गया।


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