Patna : बिहार राज्य सेवापूर्व प्रशिक्षु शिक्षक संघर्ष संघ ने आज बिहार सरकार के माननीय शिक्षा मंत्री को डीएलएड सत्र 2018-20 के प्रशिक्षुओं की फाइनल ईयर की डिग्री प्रदान करने संबंधी मुद्दे से अवगत कराया गया। जिसपर शिक्षा मंत्री द्वारा गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया गया। इस बात की जानकारी के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकेश राज ने दी है।
उन्होने बताया कि के हम सभी प्रशिक्षुओं ने फाइनल इयर डिग्री निर्गत किये जाने को लेकर आज शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा से आज उनके कार्यालय में मिलकर लिखित रुप से अवगत कराया। जिसपर शिक्षा मंत्री ने गंभीरता से विचार विमर्श करने का आश्वासन दिए हैं। उम्मीद है कि बहुत जल्द कोई न कोई निर्णय प्रशिक्षु हित में जरूर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं का कहना है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा मैट्रिक एवं इंटर में फेल बच्चों की परीक्षा लिए बिना ही उत्तीर्ण कर देने की घोषणा के बाद कोरोना महामारी काल में छात्रों के भविष्य की चिंता करते हुए सरकार अनुत्तीर्ण छात्रों को भी उत्तीर्ण कर सकती है तो फिर डीएलएड सत्र 2018-20 के प्रशिक्षुओं की चिंता क्यों नहीं हो रही है??
ऋषिकेश राज ने कहा कि बिहार में कोरोना के साथ-साथ बाढ़ की भी समस्या विकराल होती जा रही है| ऐसे में परीक्षा लेना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लग रहा है|इसलिए इंटरनल के आधार पर दें 2018-20 डी०एल०एड० का रिजल्ट|आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर फाइनल वर्ष की परीक्षा को जल्द से जल्द घोषित किया जाए|
कोरोना महामारी की स्थिति में परीक्षाएं नहीं कराई जा सकतीं। लेकिन स्टूडेंट्स ने दो-तीन साल मेहनत की है,उन्हें डिग्री की जरूरत है। नौकरी के लिए उन्हें डिग्री मिलनी चाहिए। बहुतों को आगे पढ़ाई के लिए Apply करना होगा। उनकी डिग्री रोककर रखना उनके साथ अन्याय होगा।बहुत छात्र ऐसे है जो इंटर के बाद डी०एल०एड० में एडमिशन लिया था उन सब को ग्रेजुएशन में एडमिशन भी लेना है।
उन्होंने कहा कि डी०एल०एड० के सत्र 2018-20 के प्रशिक्षुओं को 2nd Year की परीक्षा अभी तक नहीं हुई है|वरना हमलोगो का दो वर्षीय प्रशिक्षण पुरी हो जाती| 2018-20 के प्रशिक्षु दिसम्बर माह के सी०टी०ई०टी० परीक्षा पास है|सभी अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे पहले बिहार बोर्ड ने 2014-16, 2015-17, 2016-18 सत्र का तीन साल बाद परीक्षा लिया गया था|कहीं इसी प्रकार हमलोगों की भी परीक्षा देरी से ली जाती है तो हमलोग आने वाली बहाली से वंचित हो जाएंगे|
CBSE की तर्ज पर आंतरिक मूल्यांकन करके रिजल्ट जारी किया जाए
ऋषिकेश राज ने कहा कि हमारी मांग है कि कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव के चलते D.EL.ED 2018-20 के सभी प्रशिक्षुओ को CBSE की परीक्षाओं के तर्ज पर ही आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर फाइनल वर्ष की परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया जाए| पाठ्यक्रम में आंतरिक परीक्षा 645 अंक और बाह्य परीक्षा 355 अंक ही होना है|आंतरिक परीक्षा ही महत्वपूर्ण है|इसी को आधार मानकर परीक्षा परिणाम आसानी से जारी की जा सकती है|
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा लिया गया निर्णय काबिले तारीफ है, हमारी बिहार सरकार भी इसी तरह का निर्णय ले ताकि डी०एल०एड० फाइनल वर्ष के विद्यार्थियों को तुरंत सर्टिफिकेट मिल सके।जब छत्तीसगढ़ डिग्री दे सकता है, हरियाणा दे सकता है तो फिर बिहार क्यों नहीं दे सकता?