SITAMADHI : जिले के प्रसिद्ध चिकित्सक के जेल में बन्द पुत्र ने इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मंगलवार की रात एक बार फिर आत्महत्या का प्रयास किया। बतादे की युवक कैदी वार्ड से निकलकर अस्पताल के बाथरूम के टूटे हुए खिड़की के कांच से खुद की गला काटकर आत्महत्या का प्रयास किया। जख्मी शहर के प्रसिद्ध सर्जन डॉ अनिल कुमार का पुत्र अभिजीत कुमार है। आत्महत्या के प्रयास के बाद सदर अस्पताल में अफरा-तफरी मच गयी। उसे आनन-फानन में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम ने उसका इलाज किया।
डॉक्टर पियुष राज, डॉ. मनोज व डॉ सौरभ कुमार ने बताया कि वह खतरे से बाहर है। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नही है। उसे बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजने की अनुशंसा की गई है। जहां मानसिक रोग के चिकित्सक उपलब्ध हो। इधर, सूचना मिलने पर बंदी के पिता डॉक्टर अनिल कुमार भी अस्पताल पहुंचकर अपने पुत्र का हाल जाना व उसे समझाकर शांत कराया। जानकारी के अनुसार, नशे में धुत अभिजीत ने इसी वर्ष दस जनवरी को मामूली सी बात को लेकर अपनी भाभी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद अभिजीत व उसके माता-पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में उसके पिता जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर है।
एक सप्ताह पहले भी खुद को गोली मारने की कर चुका है कोशिश
अस्पताल के कर्मियों की माने तो पांच-छह दिन पूर्व भी कैदी वार्ड के एक गार्ड का रायफल लेकर अपने गले में सटाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। परन्तु, रायफल लॉक होने के कारण गोली नही चल सकी। वहां मौजूद लोगों ने उससे रायफल छिन लिया। इसके बाद वह अस्पताल से भागने का भी प्रयास किया था। लेकिन, अस्पताल में मौजूद गार्ड ने पकड़ लिया। अभिजीत कुमार नशे का पूर्णत: आदि है। नशे का सामान नही मिलने पर वह अक्सर इस तरह की करतूत करता है।
अस्पताल की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
यदि अस्पताल सूत्रों की माने तो कैदी वार्ड में प्रतिनियुक्त गार्ड की भी लापरवाही स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है। क्योंकि कुछ गार्ड बिना सूचना के आपसी तालमेल से गायब रहते है तो कुछ इसी तरह लापरवाह घूमते या फिर सोते रहते है। जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है।