DESK: कोरोना वायरस के जहां पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रहा है वहीं भारत भी धीरे धीरे उसके शिकंजे में कसता चला जा रहा है। बिहार में तो एक कोरोना पीड़ित व्यक्ति की मौत भी हो गई है और तीन पॉजिटिव केस पाए गए हैं। इसी बीच सबसे बड़ी खबर यह आ रही है कि राज्य के दूसरे बड़े अस्पताल एनएमसीएच से। जहां के 83 जूनियर डॉक्टरों ने खुद को क्वॉरेंटाइन में भेजने की मांग करते हुए अधीक्षक को चिट्ठी लिखी है।
एनएमसीएच अधीक्षक को पत्र लिखकर कोरोना की जांच से अलग करने की कर दी मांग
प्रदेश के प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पतालों में गिना जाने वाला नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के 83 जूनियर चिकित्सकों ने अधीक्षक को पत्र लिखकर कोरोना के इलाज से खुद को अलग करने की मांग कर दी है ।जूनियर डॉक्टरों ने अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा है कि हम लोगों को क्वॉरेंटाइन में भेजा जाए। इनलोगों ने मांग की है हमलोगों को कोरोना के इलाज अलग रखा जाय।
वर्तमान परिस्थिति में जब चिकित्सकों को खुद प्रधानमंत्री कोरोना योद्धा कह रहे हैं और उनके लिए कल जनता कर्फ्यू के दौरान शाम 5 बजे पूरे देश की जनता ने थाली बजाकर, शंख फूंककर, ताली बजाकर सम्मान किया । तब 83 डॉक्टरों ने पत्र लिखकर खुद को कोरोना के इलाज से अलग रखने की मांग कर दी है। जाहिर सी बात है कि इसका असर बाकी चिकित्सकों के मनोबल पर भी पड़ेगा।