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ऐतिहासिक धरोहर नेयामतपुर आश्रम के विकास को लेकर बिहार सरकार की तंद्रा हुई भंग, गयावासियों में खुशी का माहौल

ऐतिहासिक धरोहर नेयामतपुर आश्रम के विकास को लेकर बिहार सरकार की तंद्रा हुई भंग, गयावासियों में खुशी का माहौल

GAYA : लंबे समय से प्रखंड के ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कराने की मांग को लेकर प्रखंड के युवाओं का संघर्ष अब सफलता के नजदीक आती दिखने लगी है। पंडित यदुनंदन शर्मा सेवा आश्रम ट्रस्ट के बैनर तले वर्षो से चली आ रही संघर्ष युक्त मांग पर अब सरकार की भी तंद्रा भंग हुई है। सूबे के अरवल विधानसभा के एमएलए और माले के वरिष्ठ नेता सह बिहार विधानसभा के पर्यटन विभाग समिति के सदस्य महानंद सिंह का पहल स्थानीय युवाओं में जोश भर दिया है।  

बता दें कि पिछले दिनों पंडित यदुनंदन शर्मा सेवा आश्रम ट्रस्ट के बैनर तले प्रखंड के युवाओं एवं गणमान्य लोगों ने ऐतिहासिक स्थल को विकसित करने की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरना दिया गया था। आठ दिन तक चले धरना का कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का समर्थन मिला था। धरने के दौरान आश्रम में आए माले के वरिष्ठ नेता सह अरवल विधायक महानंद सिंह ने धरना पर बैठे लोगों को आश्वस्त किया था कि उक्त ऐतिहासिक धरोहर के विकास को लेकर हर संभव प्रयास किया जाएगा। युवाओं के संघर्ष को अरवल विधायक महानंद सिंह ने गम्भीरता से लिया है और 28 अप्रैल को बिहार विधानसभा सभा पर्यटन विभाग समिति के बैठक में उक्त ऐतिहासिक धरोहर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित की पुरजोर तरीके रखा।

विधायक ने बैठक के दौरान कहा कि गया जिला के बेलागंज प्रखंड अंतर्गत ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम बिहार एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां से देश को अंग्रेजों से और किसानों को जमींदारों से आजादी दिलाने की लड़ाई लड़ी गई थी। जमींदारी उन्मूलन के जनक स्वामी सहजानंद सरस्वती के अनन्य सहयोगी पंडित यदुनंदन शर्मा जो अरवल जिला के मंझियांवा के रहने वाले थे।  उन्होंने सन 1933 में इस आश्रम की स्थापना की थी। स्वतंत्रता आंदोलन और जमींदारी उन्मूलन के दौरान यहां कई लोगों ने शहादत दिया था और कईयों को अंग्रेजों, जमींदारों के जुल्मों का शिकार होना पड़ा था। आज जो किसान मजदूरों के संगठनों के द्वारा जो लाल रंग का झंडा उपयोग किया जाता है वह भी झंडा का रंग लाल होना इसी आश्रम में 1939 में अखिल भारतीय किसान सभा के केंद्रीय कमिटि की बैठक में तय हुई थी। जिसकी अध्यक्षता स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद ने किया था। वह देश प्रदेश हीं नहीं पूरे देश का अनमोल धरोहर है। जिसको बचाने और संरक्षित करने की जिम्मेदारी हम सबों की है। 

न्यूज4नेशन संवाददाता को अरवल विधायक महानंद सिंह ने दूरभाष पर हुए बातचीत के दौरान बताया कि बैठक के दौरान सकारात्मक पहल की गई है। विभागीय प्रकिया पूरी होने के बाद जल्द ही पर्यटन विभाग का एक दल नेयामतपुर आश्रम का दौरा करेगा और उसके विकास, सौन्दर्यीकरण की रुप रेखा तैयार किया जाएगा। हमारा पूरा प्रयास होगा कि इसी वित्तीय वर्ष में इसका कायाकल्प हो जाए। जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान होगा।

गया से प्रभात कुमार शर्मा की रिपोर्ट

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