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झारखंड की दूसरी राजधानी दुमका में शुरू होगा हाईकोर्ट का बेंच, सोरेन सरकार ने दी मंजूरी

झारखंड की दूसरी राजधानी दुमका में शुरू होगा हाईकोर्ट का बेंच, सोरेन सरकार ने दी मंजूरी

रांची। झारखंड की दूसरी राजधानी कहे जानेवाले दुमका में हाईकोर्ट के नए बेंच के शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए जगह का चयन कर भवन निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया है। 

बता दें कि बेंच के गठन के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव ने जमीन चिन्हित करने का निर्देश भवन निर्माण विभाग को दिया था और इस बेंच के क्षेत्राधिकार को लेकर विधि विभाग ने सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय को पत्र भेजा था। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद अब दुमका बेंच के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।


संताल के लोगों को  मिलेगा फायदा
हाईकोर्ट की दुमका बेंच खुलने से संताल परगना प्रमंडल के लोगों को अपील करने के लिए रांची नहीं आना होगा। दुमका बेंच में ही पूरे प्रमंडल के मामलों की अपील याचिकाओं पर सुनवाई हो सकेगी। झारखंड हाईकोर्ट की तरह इस बेंच में भी जनहित याचिकाएं और रिट दायर हो सकेंगी।  

कई मामलों की अब तक सुनवाई भी शुरू नहीं

संताल परगना इलाके से संबंधित 40 हजार मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं।  लंबित मामलों में करीब 1300 ऐसे मामले हैं, जिन पर एक बार भी सुनवाई नहीं हुई है। मामलों की सुनवाई के लिए कई बार लोग रांची जाते हैं। कभी-कभी मामला सूचीबद्ध रहता है, लेकिन सुनवाई नहीं होती। वहीं संताल परगना इलाके के विभिन्न न्यायालयों के करीब 3000 आदेश में लोग अपील के लिए हाईकोर्ट नहीं गए हैं। दूरी, समय और पैसे खर्च होने के कारण लोग अपील में नहीं जा रहे हैं 

बिहार के बंटवारे से पहले हुआ था ऐसा

दूसरे शहर में हाईकोर्ट की बेंच बनाने का काम इससे पहले भी हुआ है।1976 में झारखंड की स्थापना से पहले पटना हाईकोर्ट की एक बेंच रांची में स्थापित की गई थी। जिसमें तीन जजों की नियुक्ती के पद सृजित किए गए थे। इस तरह की बेंच की स्थापना के लिए हाईकोर्ट के बेंच गठन के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजना पड़ता है। केंद्र सरकार संसद में कानून बनाती है। पटना हाइकोर्ट के रांची में स्थायी बेंच के लिए संसद ने पटना स्टैब्लीसमेंट ऑफ परमानेंट बेंच एट रांची ( एक्ट) पास किया था। स्थायी बेंच के लिए कितने जज होंगे,  इसका प्रावधान एक्ट में ही किया जाता है। 

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