केके पाठक के अभियान पर ग्रहण! अब खुद ही शिक्षकों को जातीय गणना के लिए प्रतिनियुक्त किया, पर लगाया यह बंदिश...

पटना. बिहार में शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारने की दिशा में कई सख्त फरमान जारी करने वाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अब शिक्षकों को जातीय गणना के लिए प्रतिनियुक्त करने की अनुमति दे दी है. दरअसल, पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को ही अपने आदेश में बिहार में सरकार को जातीय गणना कराने की अनुमति दी थी. उसके बाद से बड़ा सवाल उठ गया था कि क्या केके पाठक इस बार शिक्षकों को प्रतिनियुक्त करेंगे. शिक्षा विभाग सँभालने के बाद से पाठक ने कई ऐसे निर्णय लिए हैं जिससे शिक्षा विभाग में चली आ रही वर्षों पुरानी परम्परा पर ब्रेक लग गया.
ऐसे में तमाम अटकलों को विराम देते हुए बुधवार को केके पाठक ने इस सम्बंध में राज्य के सभी जिलाधिकारियों को एक चिट्ठी जारी की है. इसमें उन्होंने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी दी है लेकिन उसके साथ कुछ शर्तों का भी उल्लेख किया है. केके पाठक की ओर से सभी जिलाधिकारी को जारी चिट्टी में कहा गया है कि कल दिनांक 02.08.2023 से जातीय जनगणना फिर से प्रारम्भ हो रही है। आपसे अनुरोध है कि शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी विद्यालय पूरी तरह शिक्षक विहीन न हो जाए शिक्षकों को केवल जातीय जनगणना के कार्य में लगाया जाए। अन्य कोई प्रशासनिक कार्य न लिया जाए।
यानी इस बार जातीय गणना के लिए प्रतिनियुक्त करने के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी विद्यालय में पठन पाठन कार्य प्रभावित न हो. साथ ही जिन शिक्षकों को जनगणना काम में लगाया जा रहा है उनसे किसी अन्य प्रकार का प्रशासनिक कार्य न लिया जाए। शिक्षा विभाग की ओर से संभवतः पहली बार इस तरह की चिट्टी जारी की गई है जिसमें इन निर्देशों का पालन करने कहा गया है.