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गांधी मैदान में 'बेबस' दिखे शिक्षा मंत्री ! 'चंद्रशेखऱ' ने अपनी ऐसी हालत करा ली जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी, जानिए...

गांधी मैदान में 'बेबस' दिखे शिक्षा मंत्री ! 'चंद्रशेखऱ' ने अपनी ऐसी हालत करा ली जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी, जानिए...

PATNA: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपनी ऐसी हालत करा ली, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी. कार्यक्रम विभाग का था और अपने ही विभाग के कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की कोई पूछ नहीं थी. राजधानी के गांधी मैदान में आयोजित शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम में उनकी पूछ नहीं थी. भवन निर्माण मंत्री ने उन्हें बुलाया. तब जाकर उन्होंने मोमबत्ती पकड़ा और दीप का प्रज्जवलन किया.

दीप प्रज्जवलन में भी पीछे खड़े रहे शिक्षा मंत्री

पूरा वाकया समझिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव,वित्त मंत्री विजय चौधरी और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर गांधी मैदान के मंच पर पहुंचते थे. वहां पहले से मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव और अशोक चौधरी मौजूद थे.अधिकारियों ने सभी माननीयों का पहले स्वागत किया. इसके बाद दीप प्रज्जवलन का कार्यक्रम शुरू किया. सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्जवलित किया, इसके बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी, फिर विजेन्द्र यादव के बाद मोमबत्ती विजय चौधरी की तरफ बढ़ाया गया. इस दौरान शिक्षा मंत्री इन मंत्रियों के पीछे चुपचाप बेबस भाव से खड़े थे. विजय चौधरी ने जब दीप प्रज्जवलन का कार्यक्रम कर लिया, इसके बाद मोमबत्ती अशोक चौधरी की तरफ बढ़ाया. विभागीय मंत्री चंद्रशेखऱ की बेइज्जती होते देख भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी भांप गए. लिहाजा डैमेज कंट्रोल करते हुए हाथ के इशारों से पीछे खड़े शिक्षा मंत्री चंद्रशेखऱ को बुलाया. अशोक चौधरी के बुलाते ही चंद्रशेखर मंत्री विजय चौधरी के पास पहुंचे और मोमबत्ती पकड़कर दीप प्रज्जलवन की खानापूर्ति की. इसके बाद अशोक चौधरी ने भी दीप प्रज्जवन किया. 

नियुक्ति पत्र वितरण में भी शिक्षा मंत्री की नहीं रही पूछ 

दीप प्रज्जलन के बाद नवनियुक्त शिक्षकों को ज्वाईनिंग लेटर देने की बारी आई. शुरूआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इसके बाद तेजस्वी यादव,बिजेन्द्र यादव के बाद विजय चौधरी और अशोक चौधरी तक ने नियुक्त पत्र बांट दिए. लेकिन चंद्रशेखर को मौका नहीं मिला. जब सीएम नीतीश ने देखा कि शिक्षा मंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र का वितरण नहीं कराया गया. इसके बाद उन्होंने इशारा किया, तब जाकर अधिकारियों ने शिक्षा मंत्री से नियुक्ति पत्र का वितरण कराया. 


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