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निर्वाचन आयोग ने तय किए चुनावी खर्च, छह रूपये में चाय-समोसा तो 37 रुपए की पूरी-सब्जी-मिठाई खिला सकेंगे उम्मीदवार

निर्वाचन आयोग ने तय किए चुनावी खर्च, छह रूपये में चाय-समोसा तो 37 रुपए की पूरी-सब्जी-मिठाई खिला सकेंगे उम्मीदवार

DESK.दिल्ली. ऐसे दौर में जब एक कप चाय के लिए भी आम लोगों 10 रुपए खर्च करना पड़ता है उस दौर में निर्वाचन आयोग का मानना है कि एक कप चाय की कीमत 6 रुपए होगी. इसी तरह समोसा भी 6 रुपए में लेना होगा. दरअसल चाय-समोसे की यह कीमत तय हुई है उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर. यूपी में हो रहे विधानसभा चुनाव में हर उम्मीदवार को खर्च तय सीमा में ही करना है. हाल ही में उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और पंजाब के लिये प्रत्येक उम्मीदवार के चुनाव खर्च की सीमा 28 लाख से बढ़ कर 40 लाख और मणिपुर तथा गोवा जैसे छोटे राज्यों के लिये यह सीमा 20 लाख से बढ़ कर 28 लाख की गई है. वहीं अब निर्वाचन आयोग ने यूपी के लिए जो नई सूची जारी की है उसमें खाना, नाश्ता, गाड़ी, फूल-माला आदि की दर तय की है. 

चुनाव में धनबल को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग ये प्रावधान करता है. इसी क्रम में आयोग की खर्च सूची के अनुसार सेवाओं और वस्तुओं के लिए दर चार्ट जारी किया है जिन पर एक उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में खर्च कर सकता है. एक उम्मीदवार चार पूरी, सब्जी और एक मिठाई के लिए 37 रुपये प्रति प्लेट और एक समोसा और एक कप चाय के लिए 6-6 रुपये तक खर्च कर सकता है. निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के दौरान होने वाले खर्च के लिए अलग- अलग मदों में खर्च की जाने वाले रकम की सीमा तय कर दी है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी समय, स्थान और स्थिति के अनुसार हर चुनाव में दर की सूची जारी करते हैं. 

न सिर्फ खाने-पीने बल्कि फूल माला की कीमत भी तय है. उम्मीदवार प्रचार और छोटी मोटी सभा के दौरान 16 रुपये प्रति मीटर की दर तक फूलों की माला खरीद सकते हैं. चुनाव प्रचार के लिए अधिकतम तीन ढोल वाले प्रतिदिन 1,575 रुपये की दिहाड़ी पर बुलाये सकते हैं. मिनरल वाटर की बोतलें एमआरपी या प्रिंट रेट पर खरीदी जा सकती हैं.

वाहनों के लिए भी किराया तय कर दिया गया है. बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारों का किराया 21,000 रुपये प्रतिदिन होगा. वहीं एसयूवी मित्सुबिशी पजेरो स्पोर्ट कारें अधिकतम 12,600 रुपये प्रतिदिन किराये पर ली जा सकती है. इनोवा, फॉर्च्यूनर, क्वालिस जैसी एसयूवी कारों का किराया 2,310 रुपये प्रतिदिन, स्कॉर्पियो और टवेरा के लिए 1,890 रुपये प्रतिदिन, जीप, बोलेरो और सूमो के लिए 1,260 रुपये प्रतिदिन तक किराया तय है. इसी किराये में ईंधन और लागत सभी शामिल है.

दरअसल चुनाव के बाद उम्मीदवारों को एक सत्यापित कॉपी आयोग को सौंपनी होती है. इसमें खर्च का पूरा ब्यौरा देना होता है. इसमें खाने-पीने से लेकर गाड़ी, जनसभा, स्वागत सत्कार आदि के सभी मदों का खर्च दिखाया जाता है जो आयोग द्वारा तय खर्च सीमा में ही होना चाहिए. 

हालाँकि राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि चुनाव की खर्च सीमा से कहीं ज्यादा उम्मीदवार खर्च करते हैं. कई प्रकार के खर्चों को दिखाया ही नहीं जाता. वैसे चुनाव सुधार की दिशा में आयोग का यह बेहतर प्रयास रहता है लेकिन चुनाव की जमीनी हकीकत इससे जुदा है. 


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