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ऊर्जा परिवार ने अपने पदाधिकारियों की रचनात्मकता का मनाया उत्सव, हिंदी के महत्व पर हुई चर्चा

ऊर्जा परिवार ने अपने पदाधिकारियों की रचनात्मकता का मनाया उत्सव, हिंदी के महत्व पर हुई चर्चा

PATNA : हिंदी दिवस के अवसर पर सोमवार को ऊर्जा परिवार ने अपने पदाधिकारियों की रचनात्मकता का उत्सव मनाने के लिए विद्युत भवन में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें ऊर्जा परिवार के पदाधिकारियों ने अपनी रचनाओं को सुनाया, हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला और कामकाज में हिंदी को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम में संजीव हंस, अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड, संदीप कुमार आर पुड्कलकट्टी, प्रबंध निदेशक, नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी लिमिटेड एवं बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, संजीवन सिन्हा, प्रबंध निदेशक, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी लिमिटेड एवं बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के अलावा कई अन्य वरीय पदाधिकारी भी मौजूद थे।

इस मौके पर सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि भारतीय संविधान में हिंदी को संघ की राजभाषा का दर्ज प्राप्त है। हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। कंपनी के प्रबंध निदेशक के तौर पर मुझे यह देख कर खुशी होती है कि ऊर्जा परिवार के कई कर्मचारी विभागीय कार्यों में हिंदी भाषा का नियमित प्रयोग करते हैं। सरकारी कर्मचारी होने के नाते हम सबकी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम कामकाज में हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा दें। 

एमडी संदीप कुमार आर पुड्कलकट्टी ने कहा कि भारत एकमात्र देश है जहां अपनी भाषा का उत्सव मनाने के लिए एक दिन निर्धारित है और हिंदी वह एकमात्र भाषा है। एमडी संजीवन सिन्हा ने हिंदी भाषा के इतिहास एवं लिपि के विषय में काफी उपयोगी जानकारियां साझा की। साथ ही बताया कि सभी राज्य अपनी राजकीय भाषा खुद तय करते हैं और बिहार की राजकीय भाषा हिंदी है। 

कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रियंका कुमारी, सेक्शन ऑफिसर, एनबीपीडीसीएल ने किया। अरुण कुमार सिन्हा, निदेशक (तकनीकी), बीएसपीजीसीएल ने स्वागत भाषण दिया और हरे राम पांडे, निदेशक (तकनीकी), बीएसपीटीसीएल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। ऊर्जा परिवार के रजनीश कुमार गौरव, राहुल कुमार, किशोर कुणाल, शुभ्र सुमन एवं दिलशाद आलम ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की। रजनीश कुमार ने अपनी पहली काव्य पुस्तक की प्रतियां सीएमडी एवं दोनों एमडी को भेंट की। 

पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट

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