पर्यावरण दिवसः बिहार में वृक्षों की हो रही अंधाधुंध कटाई, RTI से हुआ खुलासा, NH चौड़ीकरण में 22 हजार से अधिक पेड़ हुए खत्म

PATNA: आज विश्व पर्यावरण दिवस है। आज के दिन वृक्ष बचाने-लगाने को लेकर कई तरह के कार्यक्रम किये जाते हैं। बिहार में भी वृक्षारोपण को लेकर आज से अभियान की शुरूआत होती है। इस बार भी सीएम नीतीश के वृक्षारोपण के साथ ही अभियान की शुरूआत हो गई है। राज्य सरकार इस वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य रखी है। सरकार ने इसे मिशन 5.0 नाम दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दावा है कि बिहार में हरित आवरण पंद्रह फीसदी हो गई है जिसे बढ़ाकर 17 फीसदी तक करना है। अब जरा दूसरी सच्चाई पर गौर करिये। बिहार में सड़कों के निर्माण-चौड़ीकरण में बड़ी संख्या में बड़े-बड़े पेड़ों की कटाई हुई है। सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण में 22 हजार से अधिक पेड़ों को ककाटा गया है। आरटीआई से इसका खुलासा हुआ है।
NHAI ने दी जानकारी
बिहार के आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने NHAI से सड़कों के चौड़ीकरण में वृक्षों की कटाई के बारे में जानकारी मांगी थी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अगस्त 2020 में वृक्षों की कटाई से संबंधित जानकारी दी थी। जो जानकारी दी गई उसके अनुसार हजारों की संख्या में पेड़ों की कटाई हुई। NH-30 एवं 84 (कोइलवर भोजपुर) खंड में 3152 पेड़ो की कटाई हुई। NH-84 भोजपुर-बक्सर खंड में 5405 वृक्षों की कटाई की गई। NH-30 पटना- बख्तियारपुर सड़क चौड़ीकरण में 4200, NH- 57ए फारबिसगंज- जोगबनी सड़क में 393,NH-131ए में 10802 वृक्षों की कटाई की गई।
गया डीएफओ के पत्र से खुलासा
गया के डीएफओ ने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के परामर्शी को 13 अप्रैल 2021 को पत्र लिखा था. पत्र राष्ट्रीय राजमार्ग- 82 के निर्माण में वृक्षों की कटाई को लेकर था. दरअसल नीतीश कुमार नाम के एक आरटीआई एक्टिविस्ट सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी, लेकिन गया के DFO ने ससमय वृक्षों की कटाई से संबंधित जानकारी नहीं दी. इसके बाद राज्य सूचना आयोग तक यह मामला पहुंचा. आयोग के आदेश के बाद गया के वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार ने पेड़ों की कटाई से संबंधित जानकारी दी है. परामर्शी को भेजे प्रतिवेदन में गया के डीएफओ ने उल्लेख किया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग- 82 के निर्माण कार्य में 4299 वृक्षों की कटाई की गई है. इन वृक्षों के काटने में 12 लाख ₹90000 व्यय किए गए हैं. डीएफओ ने आगे बताया है कि इन इन वृक्षों के काटने के बाद जो क्षति हुई उसकी पूर्ति भी की गई है. पर्यावरण संरक्षण के लिए वन रोपण भी किये गए हैं। लोधवे काठीयौन में कुल 126 हेक्टेयर में पौधारोपण किया गया है .इन वृक्षों की कटाई के बाद दोगुना वृक्ष वनों में लगाए गए हैं .एनएच 82 के निर्माण कार्य में 4299 वृक्षों के पातन के बाद काहुदाग वनागर बाराचट्टी में सुरक्षित रखा गया है. गया के डीएफओ का कहना है कि एनएच किनारे एनएचएआई को ही पौधारोपण करना है।
वृक्ष काटे गए NH किनारे से और लगाए गए वनों में,यह तो घोर आश्चर्य की बात
आरटीआई एक्टिविस्ट कहते हैं कि NH के चौड़ीकरण के दौरान सिर्फ गया जिले में 22000 पेड़ काटे गए. NHAI के द्वारा उसकी राशि वन-विभाग को दे दी गयी और DFO गया उसके बदले बहुत सारा पेड़ किसी पहाड़ की तलहटी में लगवा भी दिए. जब इस तरह का काम होगा तब तो ऑक्सीजन के लिए छछन-छछन कर लोग मरेंगे ही । उन्होंने कहा कि पेड़ काटे गए एनएच किनारे से और लगाए गए वनों में यह तो आश्चर्य है। नियम यह है कि सड़क बनाने के क्रम में जितने भी पेड़ काटे जाएँगे, उसके दोनों तरफ उसके तीन गुणा संख्या में पौधे लगाए जाएँगे । प्रकृति के साथ जो ऐसा कुकृत्य कर रहे वे वास्तव में मानव-जीवन और मानव-जाति के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रहे।