PATNA: बिहार में बड़े अफसरों की बात कौन करे यहां तो अदना सा सरकारी सेवक भी धनकुबेर है. जांच एजेंसियां जहं भी हाथ डाल रही वो अकूत संपत्ति का मालिक निकल रहा. अब भला बताइए न.... राज्य खाद्ध निगम का एक सहायक प्रबंधक धनकुबेर निकला है. आर्थिक अपराध इकाई ने जब भ्रष्ट सहायक प्रबंधक के ठिकानों पर रेड किया तो उसके पास से जमीन के कई कागजात,लाखों रू नकद, लग्जरी गाड़ियां,सोने-चांदी के जेवरात ,व अन्य सामान मिले हैं.
बंगला-गाड़ी का शौकिन है सहायक प्रबंधक
आर्थिक अपराध इकाई ने भ्रष्टाचार के आरोपित एक अधिकारी के यहां शुक्रवार बड़ी कार्रवाई की है. EOU ने बिहार राज्य खाद्य निगम के सहायक प्रबंधक सह उप-महाप्रबंधक शिशिर कुमार वर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की है. उनके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप है. इसी को लेकर शिशिर कुमार वर्मा के विरूद्ध आर्थिक अपराध थाना में 12 अक्टूबर 2023 को भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम की विभिन्र धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. केस दर्ज करने के अगले ही दिन आरोपी सहायक प्रबंधक शिशिर कुमार वर्मा के ठिकानों की तलाशी शुरू हो गई. वर्मा पर बिहार राज्य खाद्य निगम में कार्यरत रहते हुए अर्जित आय के स्रोत से 45 लाख 71 हजार 967 रुपये की परिसम्पत्ति अप्रत्यानुपातिक तरीके से अर्जित करने के आरोप हैं. उनकी ज्ञात आय से 101.6 प्रतिशत अधिक संपत्ति कमाया है. इसी को लेकर ईओयू ने विशेष न्यायालय निगरानी से सर्च वारंट लेकर उनके पटना स्थित कार्यालय एवं पटना के पाटलिपुत्र आवास तथा बेतिया के आवासीय परिसर में छापामारी की. इस दौरान उनके ठिकानों से जेवरात सहित कई अन्य प्रकार के कागजात व नगदी मिले हैं. आर्थिक अपराध इकाई की जांच अब भी जारी है.
परिवहन दारोगा भी कम नहीं...1 दिन मेंही 2 बीघा जमीन खऱीदा और सरकार से छुपा लिया
परिवहन विभाग का छुपा रूस्तम दारोगा भी कम नहीं. परिवहन विभाग के प्रवर्तन अवर निरीक्षक ने सरकार की नजरों से बचने का जबरदस्त खेल खेला. उन्होंने अपने या पत्नी के नाम पर जमीन की खरीद नहीं की. नाबालिक बेटे को आगे कर दिया. नाबालिग के नाम पर एक दिन में ही लगभग दो बीघे जमीन की खऱीद कर ली . बेटे को माईनर दिखाया और पत्नी को गार्जियन. इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री कराया. शिकारपुर निबंधन कार्यालय में नवंबर 2022 में परिवहन दारोगा ने यह रजिस्ट्री कराई है . जमीन की खरीद करना गलत नहीं पर छुपाना गलत है. छुपाई गई संपत्ति को सरकार अवैध मानती है. परिवहन दारोगा ने वही काम किया है. राजधानी के बाद अब यूपी के सीमावर्ती जिले में तैनात परिवहन विभाग दारोगा ने 2023 में संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, उसमें इसका जिक्र नहीं किया. परिवहन दरोगा ने 7 फऱवरी 2023 को संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, उसमें नवबंर 2022 में खरीदी गई 115 डिसमिल जमीन की जानकारी छुपा लिया. सरकार का स्पष्ट आदेश है कि छुपाई गई संपत्ति को अवैध (आय से अधिक संपत्ति) मान कार्रवाई की जायेगी. यानि सरकार के रूल के अनुसार, परिवहन दारोगा की अर्जित संपत्ति अवैध मानी जा सकती है.
चंपारण के रहने वाले हैं दारोगा जी
परिवहन दारोगा के बारे में जान लें. परिवहन दारोगा का पैतृक जिला चंपारण है. कुछ समय पहले तक वो राजधानी में प्रतिनियुक्त थे. अब सीमावर्ती जिला में तैनात हैं. समझ सकते हैं कि जो परिवहन दारोगा एक दिन में दो बीघे जमीन की खरीद कर सकता है, वो कितना बड़ा धनकुबेर होगा. वैसे निगरानी ब्यूरो ने इसी साल किशनगंज में प्रतिनियुक्त एक परिवहन दारोगा विकास कुमार के ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति केस में छापेमारी की थी. इसके पहले एक और परिवहन दारोगा श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ भी निगरानी की कार्रवाई हो चुकी है. समस्तीपुर के तत्कालीन इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ 2 दिसंबर 2019 को निगरानी ने DA केस दर्ज किया था. इसके बाद कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. यह केस अभी भी जांच में है।