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लोगों के विरोध के बाद भी आधी रात को बेटियों को कराती थी दौड़ की प्रैक्टिस, आज एक मां की जिद और मेहनत ने दो बेटियों को दिलाया मकाम, आज पूरे गांव को करते हैं प्रेरित

लोगों के विरोध के बाद भी आधी रात को बेटियों को कराती थी दौड़ की प्रैक्टिस, आज एक मां की जिद और मेहनत ने दो बेटियों को दिलाया मकाम, आज पूरे गांव को करते हैं प्रेरित

SIWAN : फिल्म दंगल में दिखाया गया था कि कैसे एक पिता अपनी बेटियों को समाज के विरोध के बाद भी उन्हें पहलवान बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत करता है और उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाने में कामयाब होता है। लगभग ऐसी ही एक कहानी बिहार के सीवान जिले से सामने आई है। अंतर इतना है कि यहां पिता नहीं, बल्कि एक मां है और यहां मंजिल पहलवानी नहीं, बल्कि ऑफिसर बनने की है। 

एक मां जिसका सपना था कि उनकी दोनों बेटी पढ़ लिखकर ऑफिसर बने. लोग ताने मारते रहे, लेकिन मां ने सब कुछ सहन करते हुए अपनी दोनों बेटियों को एक दिन ऑफिसर बनाकर ही दम लिया (Sivan two sisters became police officers). पूरी महाराजगंज अनुमंडल क्षेत्र के जिगरहवां गांव की है। 

बेटियों को ऑफिसर बनाने का सपना

जिगरहवां गांव की सोनमती देवी की दो बेटी है, अपनी दोनों बेटियों के लिए उन्होंने सिर्फ संघर्ष ही नहीं किया बल्कि समाज के ताने भी खूब सुने. ताने सुनने के बाद भी सोनमती देवी हार नहीं मानी और एक दिन दोनो बेटियों को ऑफिसर बनाकर दम लिया. सोनमती देवी ने कड़ी मेहनत और परिश्रम कर आज अपनी दोनों बेटियों को BSAP (बिहार स्पेशल आर्म्स पुलिस) में कमांडो बनाकर यह साबित कर दी है कि एक मां अपनी संतान के लिए किसी भी हद से गुजर सकती है।

रात के अंधेरे में बेटियों को देती थी ट्रेनिंग

सोनमती देवी की दोनों बेटी पुनिता और पूजा मां के साथ सुबह दौड़ने जाती थी, तो लोग ताने मारते थे. तब सोनमती देवी ने फैसला लिया कि अब रात में एक बजे से दौड़ने चला जायेगा। रात को 1 बजे से सोनमती अपनी दोनों बेटी पुनिता और छोटी पूजा को लेकर 3-4 बजे तक दौड़ती थी। करीब 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद दोनों पुत्रियों को सफलता मिली।

बेटियों की सफलता पर मां की लोग कर रहे तारीफ

बिहार के सिवान जिले की दो बहन ने गांव समेत अपनी मां के सपने को पूरा किया है।  सोनमती देवी की बड़ी बेटी पुनिता राजगीर में बिहार दारोगा कमांडो ट्रेनर हैं, जबकि दूसरी छोटी बेटी पूजा कुमारी बोधगया में BSAP कमांडो के पद पर कार्यरत हैं। दोनों की इस सफलता पर कलतक जो ताना मारते थे, वह आज उसी मां की तारीफ कर रहे हैं।


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