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17 दिन की बेटी का मुंह भी नहीं देख पाए गलवान घाटी पर शहीद झारखंड का लाल

17 दिन की बेटी का मुंह भी नहीं देख पाए गलवान घाटी पर शहीद झारखंड का लाल

DESK: LAC पर भारत और चीन के सेनाओं के बीच हुए आपसी झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं. इसमें से एक झारखंड के साहिबगंज जिला निवासी कुंदन कुमार ओझा भी हैं जो चीनी सैनिकों से दो-दो हाथ करते हुए शहीद हो गए.26 साल के कुंदन कुमार ओझा साहिबगंज जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के डिहारी गांव के रहने वाले हैं. 

कुंदन अपने दोस्तों के बीच काफी लोकप्रिय थे. 5 महीने पहले ही जब वो घर आए थे तो दोस्तों से यह वादा करके गए थे की वो जल्द ही उनसे मिलेंगे. लेकिन दोस्तों से मिलना तो छोड़िए कुंदन अपनी 17 दिन की बेटी का मुंह भी नहीं देख पाए.जानकारी के मुताबिक कुंदन ओझा की शादी दो साल पहले सुल्तानगंज में हुई थी. कुछ दिन पहले ही उन्हें बेटी हुई थी. कुंदन जल्द ही अपनी दूधमुंही बेटी से मिलने के लिए घर आने वाले थे. लेकिन यहां कुदरत को कुछ और ही मंजूर था.

आपको बता दें कि रविवार को कुंदन की ड्यूटी लद्दाख के गलवान घाटी में थी. यहां वे चीनी धोखेबाजी का शिकार हो गए. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार 7 साल पहले उनकी बहाली आर्मी में हुई थी.कुंदन के शहादत की खबर उसके पिता को फोन से दी गयी है. खबर सुनकर पूरा परिवार सदमे में है.

गांव वालों को अपने सपूत के इस बलिदान पर गर्व है. कुंदन के चचेरे भाई चीन से बदला लेने की मांग कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाए.उनकी वापसी का इंतजार अब उनकी नवजात बेटी को जीवन भर रहेगा, जिसे शायद पता भी नहीं कि उसके पिता अब कभी वापस नही लौटेंगे. वे अपनी मातृभूमि के लिए ऐसे सफर पर निकल गए हैं, जहां से लौटना नामुमिकन है.

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