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भारत के इस गाँव में आज भी लोग नहीं पहनते जूते और चप्पल, वजह जानकार आप भी चौंक जायेंगे

भारत के इस गाँव में आज भी लोग नहीं पहनते जूते और चप्पल, वजह जानकार आप भी चौंक जायेंगे

N4N DESK : भारत को विविधताओं ने एकता का देश कहा जाता है। यहाँ कई सारे धर्म, जाति, समुदाय, भाषा और वेश भूषा के लोग एक साथ रहते हैं। कई तरह के रीती रिवाज को माननेवाले लोग भी इस देश में मौजूद है। देश में ऐसे कई गांव है जिस से जुड़ी ऐसी ऐसी बातें है जिसे सुन कर देश के लोग भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं। एक ऐसा ही गांव है जहाँ लोग कभी चप्पल-जूते नहीं पहनते। इस गाँव का नाम वेल्लागवी हैं। यह सुनकर आपको बहुत हैरानी हो रही होगी। लेकिन यह पूरी तरह सच है। गांव की इस परंपरा के पीछे की वजह बड़ी दिलचस्प है। 

दरअसल वेल्लागवी गांव तमिलनाडु के एक जंगल में बसा छोटा सा गांव है। इस गांव में लगभग 100 परिवार के लोग रहते हैं। बताया जा रहा है की गाँव 300 साल पुराना है। दिलचस्प बात यह है की इस गांव में इतने परिवार होने के बावजूद भी सड़क नहीं है। इस कारण से यहाँ तक पहुँचने के लिए ट्रेकिंग की जरूरत होती है। यह ट्रेक बहुत कठिन होता है। गांव में प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है कि चप्पल जूते उतार दें। यह विचित्र परंपरा इसलिए है, क्योंकि यहां के निवासी इस गांव को मंदिर मानते हैं। गाँव में आज भी घरों से अधिक मंदिर है। देवताओं के लिए उनका सम्मान उनके अपने आराम से कहीं ज्यादा है। कहा जाता है की इस गांव में देवता और भक्त एक साथ रहते हैं। यही कारण है की किसी को भी जूतों के साथ इस गांव यानी मंदिर में आने की इजाजत नहीं है। वेल्लागवी गांव के लोग अनादि काल से इस ‘नो फुटवियर’ की नीति का पालन कर रहे हैं।

इसके साथ ही आप एक और बात सुनकर चौंक जायेंगे की इस गांव में 25 से भी ज्यादा मंदिर घरों के बीच और अंत में बने हुए है। बात केवल इतनी नहीं है, बात कुछ ऐसी है की एक ऐसी जगह जहाँ इतने मंदिर है। वहां तक जाने के लिए एक भी सड़क नहीं है। बच्चों के लिए एक भी स्कूल नहीं है। बता दे की यहाँ केवल एक चाय की दूकान है। जरूरत के सामान के लिए ग्रामीणों को हर दिन कोडैकानल की यात्रा करनी होती है। दिलचस्प बात ये है कि पूरा गांव शाम 7 बजे तक सो जाता है। यह बहुत छोटी गांव है लेकिन यहां के लोगों का दिल काफी बड़ा है। अगर आप यहां चले जाये तो लोग आपको भूखा नहीं रहने देंगे। 

प्रेरणा शर्मा की रिपोर्ट

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