PATNA: हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नरेन्द्र मोदी सरकार के गरीब सवर्णों को उम्र में छूट देने के प्रस्ताव का स्वागत किया है।
मांझी ने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीब अभ्यार्थियों के लिए केंद्र सरकार नियुक्तियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की तरह अधिकतम उम्र सीमा में छूट देने की तैयारी के प्रस्ताव का हम स्वागत करते हैं ।उन्होंने कहा कि यह एक साहसिक क़दम है जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम होगा।मांझी ने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के इस फैसले से एक तरफ जहाँ गरीब सवर्णों को भी प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने का अवसर प्राप्त होगा वहीं दुसरी तरफ उन्हें प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी का उचित वक्त भी मिलेगा।
मांझी मे कहा कि प्रारंभ से ही हमारी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) दुनिया के गरीबों का पक्षधर रहा है और ग़रीबी का दंश समाज का हर तबक़ा झेल रहा है चाहे वह दलित हो या समाज का कोई तबक़ा इसलिए ग़रीबी से लड़ने के लिए समाज के हर तबके को भरपूर मौका मिलना चाहिए।
आज देश में हर तरह के अभिशाप से लड़ने के लिए समाज का हर तबक़ा एकजुट हो रहा है और हमारे देश का अगर कोई सबसे बडा अभिशाप है तो गरीबी ही है जिससे आज सबको लड़ना होगा।
मांझी ने कहा कि गरीब सवर्णों को वास्तविक रूप से अगर केंद्र सरकार लाभ दिलाना चाहती है तो उसके लिए गरीबी रेखा के नीचे वाले स्वर्णों के वार्षिक आय की सीमा को 8 लाख को कम किया जाए । ताकि उस तबके के सबसे गरीब व्यक्ति को जीवन व्यतीत करने वाले स्वर्णो को ही इसका लाभ मिल सके जिससे की स्वर्णों के भीतर गरीबी-अमीरी की खाई को दूर किया जा सके ।