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पटना में सरकारी अस्पताल की लापरवाही आई सामने, फेंकी मिली लाखों की दवाएं

पटना में सरकारी अस्पताल की लापरवाही आई सामने, फेंकी मिली लाखों की दवाएं

PATNA : सरकार ने आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रखा है. कई योजनाओं में अस्पतालों में मरीजों के लिए मुफ्त दवाओं की व्यवस्था की गई है. इस पर पानी की तरह सरकारी राजस्व भी खर्च होते हैं. लेकिन अस्पतालों में उचित रख-रखाव एवं प्रबंधन के अभाव में सरकारी राजस्व को नुकशान तो होता ही है साथ ही सरकार के उद्देश्यों की भी पूर्ति नहीं होती. इतना ही लाभुकों को उचित लाभ नहीं मिलने पर सरकार की फजीहत और लोगों का नकारात्मक नजरिया भी उत्पन्न होती है. 

समय-समय पर विभिन्न अस्पतालों की दुर्दशा सामने आती रही हैं. उन्हीं अस्पतालों में एक पटना से सटे पालीगंज अनुमंडलीय अस्पताल भी है. जहां अनुमंडलीय अस्पताल के प्रसव कक्ष के पीछे भारी मात्रा में आयरन व विटामिन की सरकारी दवा मिलने से अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठ रहा है. अस्पताल परिसर में भारी मात्रा में दवा मिलने के बाद मरीज में भी आक्रोश दिख रहा था. बताया जाता है कि पालीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसव कक्ष के पीछे मरीजो के परिजनों ने भारी मात्रा में नया सरकारी दवा, आयरन, विटामिन व बच्चों को दी जाने वाली दवा देख आक्रोशित हो गए. मरीज के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन के द्वारा प्रसव के लिए आये मरीजो को अस्पताल की ओर से इक्का दुक्का दवा ही दी जाती है और फिर बाहर पर्ची थामकर दवा के लिए भेज देते है. जबकि अस्पताल में करीब 50 प्रकार की दवा मौजूद है. लेकिन मरीजो को सरकारी दवा का लाभ नहीं दिया जा रहा है. 

अस्पताल के परिसर में भारी मात्रा में दवा फेंकी हुई मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को लेकर अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे है. ये सारी दवाएं प्रेग्नेंट महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहैया कराई गई हैं. जिसे चिकित्सक के साथ ही अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी स्वीकार करते हैं. दवा के भंडारपाल के रूप में प्रतिनियुक्त फार्मासिस्ट रामरूप दास ने बतलाया कि ये दवाएं आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से गाँव-गाँव लाभुकों के बीच भेजी जाती हैं. कूड़े की ढेर पर पड़ी दवाओं को अस्पताल से नहीं बल्कि किसी आशा कार्यकर्ता कार्यकर्ता द्वारा फेंकने की संभावना जताया. अस्पताल प्रबंधक पराजित कुमार ने बताया कि अस्पताल के द्वारा आशा कार्यकर्ता को क्षेत्र में दवा वितरण के लिए दिया गया था. लेकिन प्रसव कक्ष के पीछे दवा कैसे फेंकी गई. इस मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद दोषी पर उचित कार्रवाई की जाएगी. 

पटना से सुमित कुमार की रिपोर्ट

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