SUPOUL : किसानों को अन्नदाता कहा जाता है, किसान अगर खेती नहीं करें तो अन कहां से आइगी यह बात सब लोग जानते हैं पर क्षेत्र में किसान अब खाद की समस्या से जूझ रहे हैं। इसे क्या कहा जा सकता है, कौन है इसका जिम्मेवार किसान या सरकार, जिले के त्रिवेणीगंज विस्कोमान में इन दिनों से डीएपी से जुड़ी खाद का वितरण हो रहा है। इसको लेकर खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की भारी भीड़ जुट रही है और खाद लेने के लिए जद्दोजहद जारी है। इस दौरान किसान कोविड-नियमों का भी जमकर उल्लंघन कर रहे हैं।
वहीं, प्रशासन भी कोविड-नियमों के पालन को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। खाद को लेकर किसानों की मारामारी देखने को मिली। भारी संख्या में विस्कोमान परिसर में खाद लेने के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान लाइनों में लगे सैकड़ों किसान एक-दूसरे से धक्का-मुक्की करते नजर आए। इनमें महिलाओं की भी अच्छी खासी तादात थी। किसानों की लाइन तीन बजे सुबह से ही लगना चालू हो जाता है, बिना मास्क कोरोना की नए वैरीएंट से बेखबर किसानों ने शारीरिक दूरी के नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई जाती है, लेकिन किसी का ध्यान इस तरफ नहीं है, आलम यह है कि कल यानी शनिवार को लाइन में लगे एक महिला अचानक बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गया। किसी ने महिला को अनुमंडलीय रेफरल अस्पताल टेम्पु से पहुचाया वहा उसका इलाज शुरू किया। हालांकि इसके काफी समय बाद भी महिला को होश नहीं आया।
इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं खाद लेने के लिए किसान अपनी जान तक गवा सकती है लेकिन बिहार के मुखिया नीतीश कुमार को इन किसानों की जुड़ी समस्याओं पर नजर नहीं जाती है, किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए पंचायतों में पैक्स अध्यक्ष निर्वाचित किय गया है, ताकि किसानों को राहत मिले। कृषि से जुड़ी पैक्स गोदाम पर अपने पंचायतों में मिले जबकि आज देखा जा रहा है कि बिहार सरकार की सिस्टम फेल नजर आते हैं।
बताया जा रहा है कि इस समय प्रखंड क्षेत्र में एक भी पैक्स अध्यक्ष के पास खाद उपल्ब्ध नहीं है। इससे किसान तरस आ कर गांव से 40 किलोमीटर दूरी आकर भूखे प्यासे लाइन में लगे रहते हैं, उसके बावजूद पुलिस से डांट सुननी पड़ती है फिर भी खाद नहीं मिलने से किसान उदास बनके अपने घर जाते हैं और दूसरे दिन का इंतजार करते हैं, किसानों को समस्याको लेकर जिला प्रशासन क्या उपाय करते हैं, जिला प्रशासन को चाहिए की सभी पंचायतों के पैक्स अध्यक्ष को खाद उपलब्ध करा कर खाद की वितरण करवाया जाए, ताकि किसानों को इन समस्याओं से निजात मिल सके।