बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

ट्रेनों के अंदर मारपीट या टीसी से की बदसलूकी करना होगा भारी, अब रेलवे करने जा रही है यह व्यवस्था, प्रोजेक्ट का ट्रायल शुरू

ट्रेनों के अंदर मारपीट या टीसी से की बदसलूकी करना होगा भारी, अब रेलवे करने जा रही है यह व्यवस्था, प्रोजेक्ट का ट्रायल शुरू

DESK : चलती ट्रेनों में लगातार बढ़ रही हिंसक घटनाओं और यात्रियों से दुर्व्यवहार के मामले सामने आते रहते हैं। जिसे रोकने के लिए अब भारतीय रेलवे की ओर से एक नया कदम उठाया गया है। अब ट्रेनों में टिकट जांच की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और चलती ट्रेन में हिंसक एवं गलत व्यवहार को रोकने के उद्देश्य से रेलवे के टिकट निरीक्षक ‘बॉडी कैमरे लैस होंगे। अधिकारियों की ओर से ये जानकारी दी गयी है।

अभी शुरूआती प्रयोग

हालांक बॉडी कैमरे का प्रयोग अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। मध्य रेलवे ने ऐसे 50 ‘बॉडी कैमरा’ खरीदे हैं और मुंबई संभाग के टिकट निरीक्षकों को इनका उपयोग करने को कहा है. ये कैमरे 9,000 रुपये प्रति कैमरा की दर से खरीदे गये हैं और इनमें करीब 20 घंटे की फुटेज रिकॉर्ड की जा सकती है

खबरों की मानें तो पायलट परियोजना के रूप में मध्य रेलवे ने ऐसे 50 ‘बॉडी कैमरा’ खरीदे हैं और मुंबई संभाग के टिकट निरीक्षकों को इनका उपयोग करने को कहा है. ये कैमरे 9,000 रुपये प्रति कैमरा की दर से खरीदे गये हैं और इनमें करीब 20 घंटे की फुटेज रिकॉर्ड की जा सकती है.

आनेवाले समय में सभी जोन में होगा लागू

इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि यदि मुंबई में चलाई जा रही पायलट परियोजना सफल रहती है तो इसे पूरे रेलवे नेटवर्क में लागू किया जाएगा. मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने इस बाबत जानकारी दी और कहा कि बॉडी कैमरे टिकट जांच के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे और हिंसक तथा गलत व्यवहार पर लगाम लगाएंगे। इससे शिकायत मिलने की स्थिति में टिकट जांच में किसी भी प्रकार की अनियमितता का पता लगाने में भी मदद मिलेगी।

 बॉडी कैमरा सबसे पहले 2005 में ब्रिटेन की पुलिस ने पहनना शुरू किया था और उसके बाद दुनिया भर में पुलिस तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इसका उपयोग शुरू किया. भारत में भी कई पुलिस बल इसका उपयोग करते हैं.


Suggested News