इस तरह लगाएं पेड़-पौधे और बनाएं और ऐसे बनाएं अपनी तकदीर

पेड़ पौधों का वैसे तो पर्यावरण के लिहाज से बहुत महत्व है लेकिन मनुष्य के भाग्य निर्माण में भी इनकी बहुत अङमियत है। कौन सा पौधा घर से किस दिशा में लगाया जाना चाहिए, इसकी जानकारी बहुत जरूरी है। सही दिशा में पौधारोपण से ही सौभाग्य का निर्माण होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि वृक्षों में देवताओं का वास होता है।
पीपल - पीपल के मूल भाग में जल, दूध चढाने से पितृ तृप्त होते है तथा शनि शान्ति के लिए भी शाम के समय सरसों के तेल का दिया लगाने का विधान है। केला, विष्णु पूजन के लिए उत्तम माना गया है। गुरूवार को बृहस्पति पूजन में केले का पूजन अनिवार्य हैं। हल्दी या पीला चन्दन, चने की दाल, गु़ड से पूजा करने पर विद्यार्थियों को विद्या तथा कुंवारी कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
वास्तु शास्त्र अनुसार बगीचे में फूलों वाले पौधों को ही अधिक लगाना चाहिए। कैकट्स व ढूध वाले वृक्ष गृह या व्यावसायिक स्थल पर नहीं लगाने चाहिए।
बरगद- घर से बाहर पूर्व में होना शुभ है। आग्नेय दिशा में पीड़ा व मृत्यु देता है। पश्चिम में राजपीड़ा, स्त्रीनाश व कुलनाश देता है।
पीपल - घर से बाहर पश्चिम में अत्यंत शुभ माना गया है। यह पूर्व भय व निर्धनता और अग्नेय में पीड़ा व मृत्यु देता है।
गुलर - घर से दक्षिण दिशा में शुभ माना गया है। उत्तर दिशा में होने से नेत्र रोग देता है।
जामुन - घर से दक्षिण व नैऋत्य के बीच में लगाना शुभ माना गया है।
केला - घर के ईशान कोण में मात्र गमले में लगाना शुभ माना गया है।
कादम्ब - घर से दक्षिण व नैऋत्य के वीच लगाना शुभ माना जाता है।
इमली - घर से बाहर नैऋत्य में लगाना शुभ माना गया है।
कटहल- घर से बाहर ईशान व पूर्व में शुभ माना गया है।
बेल - घर से बाहर वायव्य में होना शुभ माना गया है।
आम - घर से बाहर ईशान व पूर्व में शुभ माना गया है।
सूरजमुखी - घर में ईशान में लगाना शुभ माना गया है।
आंवला - घर से बाहर ईशान में शुभ माना गया है।
अनार - घर से बाहर आग्नेय में लगाना शुभ है।
तुलसी - घर के आंगन में शुभ मानी गई है।