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दलित समुदाय के पांच बच्चों को प्रतिदिन आधा लीटर मुफ्त में देना होगा दूध, रंगदारी के आरोप में जेल में बंद दो आरोपियों को मिली अनोखी सजा

दलित समुदाय के पांच बच्चों को प्रतिदिन आधा लीटर मुफ्त में देना होगा दूध, रंगदारी के आरोप में जेल में बंद दो आरोपियों को मिली अनोखी सजा

MADHUBANI :  दलित समुदाय के पांच बच्चों को छह माह तक प्रतिदिन आधा लीटर दूध देना होगा। यह सजा है रंगदारी मांगने के आरोप में जेल में बंद दो आरोपियों की, जिनके जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए एडीजे अविनाश कुमार ने यह निर्देश दिया है। दोनों आरोपित क्रमश: शिवजी मिश्रा और अशोक मिश्रा पर आरएस ओपी में मामला (32/2021) दर्ज है।

बताया गया कि दोनों को 22 मार्च 2021 को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में लिया गया था। इन दोनों के पर रंगदारी मांगने और नहीं देने पर शरीर पर बाइक चढ़ाने व चाकू से विपक्षी को जख्मी कर देने का आरोप है। मामले में भगवान कुमार झा के आवेदन पर 28 फरवरी 2021 को विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी।इन्हीं लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने अनुरोध किया था कि आरोपित 160 दिन से ज्यादा न्यायिक हिरासत में हैं। 

दोनों आरोपियों के वकील ने कोर्ट को बताया कि यह लोग किसान हैं। दूध उत्पादन और बेचने का काम करते हैं। जमानत पर रिहा होने के बाद सामाजिक सरोकार के कार्य को करने की इच्छा रखते हैं।सुनवाई के दौरान यह भी बात प्रकाश में आयी की शिव जी मिश्रा तीन गाय रखे हुए हैं। प्रत्येक गाय 5 लीटर दूध प्रतिदिन देती है। अशोक मिश्रा के पास दो गाय हैं। प्रतिदिन प्रति गाय 5 लीटर दूध देती है। 

जिसके बाद दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एडीजे ने 10 हजार के दो जमानतदार के अलावा तीन गाय रखने वाले आरोपित शिवजी मिश्रा को तीन दलित बच्चे को एवं दो गाय रखने वाले अशोक मिश्रा को दो दलित बच्चों को आधा लीटर प्रतिदिन गाय का दूध देने की शर्त पर जमानत दे दी।


छह माह तक देनी होगी मुफ्त सेवा

आदेश में यह भी उल्लेखित है कि छह माह तक मुफ्त सेवा देने के बाद बच्चों के माता-पिता से प्रमाण पत्र लेकर पंचायत के मुखिया, सरपंच, वार्ड, एमएलए आदि से प्रमाणित कराकर कोर्ट में जमा करना है। न्यायालय के अधिवक्ता अमित रंजन ठाकुर ने बताया कि एडीजे का यह आदेश कुपोषण को दूर करने की दिशा में भी एक कदम के रूप में देखा जा सकता है। कम से कम जमानत पर रिहा होने वाले लोग पांच बच्चों का कुपोषण को दूर करने में सक्षम होंगे।

तीन दिन पहले कपड़े धोने की दी थी सजा

एडीजे अविनाश कुमार जिले में अपने अनोखे सजा सुनाने के लिए चर्चित होते जा रहे हैं। तीन दिन पहले ही उन्होंने छेड़खानी के मामले में एक युवक को गांव के सभी महिलाओं के कपड़े छह माह तक धोने तथा साथ में आयरन करने के निर्देश दिए थे। युवक पेशे से धोबी का काम करता था। जेल से बाहर आने के बाद बुधवार से उसने अपनी सजा पर अमल करना शुरू कर दिया। जिसका गांव के लोगों ने ताली बजाकर स्वागत किया।

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