बिहार का गया, भारत का प्रमुख धार्मिक स्थल, इस साल भी पितृपक्ष मेले की धूम मचा रहा है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु अपने पितरों का तर्पण करने और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यहां आ रहे हैं। बिहार सरकार ने इस मेले को भव्य और सुविधाजनक बनाने के लिए कई अहम इंतजाम किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। इस साल पितृपक्ष मेले में करीब 15 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। देश-विदेश से आने वाले ये श्रद्धालु गया की धार्मिक महत्ता का अनुभव करेंगे। भीड़ को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आवास और सुरक्षा सहित तमाम व्यवस्थाओं को पुख्ता कर दिया है।
श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के बावजूद ठहरने के लिए सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। गांधी मैदान में 2500 बेड की क्षमता वाली एक आधुनिक टेंट सिटी स्थापित की गई है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक आरामदायक विकल्प है। इसके साथ ही 36 सरकारी आवासन स्थल भी बनाए गए हैं। निजी भवन, होटल, गेस्ट हाउस, और रेलवे परिसर में भी ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। गया के सभी 54 वेदी स्थलों पर वाटरप्रूफ पंडाल लगाए गए हैं ताकि बारिश या धूप से श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। फल्गु नदी के किनारे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं, जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं। इस साल की एक और खास बात यह है कि फल्गु महाआरती का आयोजन हो रहा है, जो श्रद्धालुओं को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा।
पीने का साफ पानी, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएं भी व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। यातायात और सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। विभिन्न भाषाओं में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है ताकि विदेशी श्रद्धालुओं को भी आसानी हो। गया पितृपक्ष का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यहां आकर न सिर्फ धार्मिक क्रियाओं में शामिल होने का अवसर मिलता है, बल्कि मन को शांति और आत्मिक संतोष की प्राप्ति भी होती है। भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अद्भुत संगम यहां देखने को मिलता है। साथ ही, सरकार द्वारा किए गए बेहतरीन इंतजामों के कारण इस साल का मेला श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव होने वाला है। गया का पितृपक्ष मेला हर साल श्रद्धालुओं के लिए विशेष होता है, लेकिन इस बार टेंट सिटी, महाआरती और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों ने इसे और भी खास बना दिया है। अगर आप पितृपक्ष के दौरान गया जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह साल आपके लिए यादगार रहेगा।